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जोहरान ममदानी: न्यूयॉर्क की राजनीति में नया विवादित चेहरा

जोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतने के बाद, ट्रंप के हमले का सामना कर रहे हैं। ममदानी ने अपनी जीत के बाद ट्रंप द्वारा 'कम्युनिस्ट पागल' कहे जाने पर प्रतिक्रिया दी है। जानें उनके राजनीतिक सफर और ट्रंप के साथ इस विवाद के पीछे की कहानी।
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जोहरान ममदानी: न्यूयॉर्क की राजनीति में नया विवादित चेहरा

जोहरान ममदानी का उदय

न्यूयॉर्क की राजनीतिक परिदृश्य में जोहरान ममदानी का नाम तेजी से चर्चा में आ रहा है। भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के पुत्र, ममदानी ने हाल ही में न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतकर सबको चौंका दिया है। उनकी इस जीत के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन पर तीखा हमला किया, जिससे यह मामला राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन गया है।


ट्रंप का हमला

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर बिना नाम लिए एक व्यक्ति को 'कम्युनिस्ट पागल' कहा और यह भी कहा कि वे न्यूयॉर्क को बर्बाद नहीं होने देंगे। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ममदानी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका इशारा ममदानी की ओर था। ट्रंप ने लिखा, "मेरे पास सभी विकल्प हैं और मैं न्यूयॉर्क को फिर से महान बनाऊंगा।" ट्रंप के समर्थकों ने भी ममदानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनकी नागरिकता रद्द करने की मांग की जा रही है।


ममदानी का राजनीतिक सफर

33 वर्षीय जोहरान ममदानी ने हाल ही में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में पूर्व मेयर एंड्रयू कुओमो को हराकर सबको चौंका दिया। उन्हें वामपंथी और साम्यवादी विचारों का समर्थक माना जा रहा है, जिससे दक्षिणपंथी नेताओं की नाराज़गी बढ़ गई है। ट्रंप ने उन्हें '100 प्रतिशत कम्युनिस्ट' करार दिया और उनके ICE जैसे संघीय एजेंसियों के खिलाफ रुख को अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ममदानी संघीय निर्देशों का पालन नहीं करते, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।


ममदानी का जवाब

ट्रंप के हमले का जवाब देते हुए, ममदानी ने उन्हें सत्ता का दुरुपयोग करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहेंगे। ममदानी ने यह भी कहा कि ICE की कार्रवाई से न्यूयॉर्क शहर में डर और अस्थिरता फैलती है, और वे इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह लड़ाई केवल एक नेता की नहीं, बल्कि पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था की है।