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झारखंड के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने ली शपथ

जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने 23 जुलाई 2025 को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। जस्टिस चौहान का न्यायिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने पहले हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की है और अब झारखंड में न्याय प्रणाली को सशक्त बनाने की उम्मीदें हैं। उनके अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी बाल न्याय प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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झारखंड के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने ली शपथ

झारखंड के नए मुख्य न्यायाधीश की शपथ

झारखंड के नए मुख्य न्यायाधीश: जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने 23 जुलाई 2025 को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण किया। यह समारोह राजभवन में आयोजित हुआ, जहां राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मंत्री दीपिका पांडे सिंह और अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।


जस्टिस चौहान की नियुक्ति

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस चौहान का नाम झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए अनुशंसित किया था। वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश रहे हैं। उनके न्यायिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।


जस्टिस चौहान का शैक्षणिक और पेशेवर अनुभव

जस्टिस चौहान ने अपनी विधि की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से की। 1989 में, उन्होंने हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया। अपने वकालत के करियर में, उन्होंने दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम और सेवा कानून जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रैक्टिस की।


महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई

2014 में, उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। एक न्यायाधीश के रूप में, उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की और न्यायिक कार्यों में उच्च मानक स्थापित किए।


अंतरराष्ट्रीय अनुभव

वे 2019 में बच्चों की देखभाल और संरक्षण सेवाओं से जुड़े सुधारों पर एक अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रोमानिया गए थे। उनका यह अनुभव भारत में बाल न्याय प्रणाली के सुधार के लिए महत्वपूर्ण माना गया।


न्याय प्रणाली में सुधार की उम्मीद

झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में, जस्टिस चौहान से राज्य में न्याय प्रणाली को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की अपेक्षा की जा रही है। उनके नेतृत्व में, झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायिक दक्षता में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने की संभावना है।