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झारखंड में पत्नी की हत्या का मामला: पति ने ट्रेन से धक्का देकर की हत्या

झारखंड के लातेहार जिले में एक 24 वर्षीय महिला, जूही देवी की हत्या का मामला सामने आया है। पहले इसे एक दुर्घटना समझा गया, लेकिन पुलिस की जांच ने इसे हत्या का मामला बना दिया। जूही के पति महादेव सिंह ने उसे जानबूझकर ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया। पारिवारिक विवाद के चलते महादेव ने यह कदम उठाया। जानें इस चौंकाने वाली घटना के पीछे की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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झारखंड में पत्नी की हत्या का मामला: पति ने ट्रेन से धक्का देकर की हत्या

झारखंड में हत्या का मामला

झारखंड समाचार: झारखंड के लातेहार जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 24 वर्षीय जूही देवी की मौत को पहले एक दुर्घटना माना गया था, लेकिन अब पुलिस की जांच ने इसे हत्या का मामला बना दिया है। यह मामला सोनम रघुवंशी कांड की तरह एक मोड़ लेता है, जहां महिला की मौत को उसके पति ने जानबूझकर हादसा बनाने की कोशिश की थी।


पति की गिरफ्तारी

सूत्रों के अनुसार, महादेव सिंह, जो जूही का पति है, को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महादेव ने पहले दावा किया था कि उसकी पत्नी जूही देवी का पैर फिसल गया और वह चलती ट्रेन से गिर गई। लेकिन पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह एक साजिश थी। महादेव ने जानबूझकर अपनी पत्नी को ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।


पारिवारिक विवाद की वजह

पारिवारिक विवाद था हत्या की वजह

चंदवा थाना प्रभारी रणधीर सिंह के अनुसार, महादेव ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया और बताया कि उसकी पत्नी के साथ घर में पारिवारिक विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते उसने गुस्से में आकर जूही को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। जब जूही गिरकर मरी, तो महादेव ने इस घटना को दुर्घटना का रूप देने के लिए रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।


पुलिस की जांच

पुलिस ने शुरू की जांच

यह मामला पहले राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन जब जांच आगे बढ़ी, तो महादेव की कहानी झूठी साबित हुई। पुलिस ने महादेव को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।


आरोपी का मकसद

क्या था आरोपी का मकसद?

महादेव का दावा था कि वह अपनी पत्नी के साथ अच्छे रिश्ते में था, लेकिन असल में यह घटना पारिवारिक झगड़े का परिणाम थी। महादेव का मकसद अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारना था, ताकि वह अपनी जिंदगी फिर से अपनी शर्तों पर जी सके।