झारखंड में भाजपा और जेएमएम के संभावित गठबंधन के पीछे के कारण
भाजपा और जेएमएम का संभावित गठबंधन
झारखंड में भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच अचानक गठबंधन की चर्चा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यदि यह योजना सफल होती है, तो दोनों दलों को क्या लाभ होगा? जेएमएम के सामने दो प्रमुख संकट हैं। पहला संकट व्यक्तिगत है, जबकि दूसरा सरकार से संबंधित है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों पर केंद्रीय एजेंसियों की नजर है, खासकर माइनिंग लीज के मामले में, जिसमें वे पहले ही जेल जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त, कोयला, पत्थर और बालू के अवैध कारोबार में उनके करीबी लोगों से मिली जानकारी ने एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है। शराब घोटाले की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। सरकार के संकट की बात करें तो उसके पास वित्तीय संसाधनों की कमी है। राज्य का बजट 1.45 लाख करोड़ रुपये है, जबकि मइया सम्मान योजना का अनुमानित वार्षिक खर्च 30 हजार करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि सरकार का एक चौथाई हिस्सा एक ही योजना पर खर्च हो रहा है, जिससे वेतन और पेंशन के लिए पैसे की कमी हो रही है। यदि भाजपा और जेएमएम का गठबंधन होता है, तो इससे न केवल व्यक्तिगत मामलों में राहत मिलेगी, बल्कि राज्य को केंद्र से भी सहायता प्राप्त हो सकती है।
भाजपा की चिंता आदिवासियों के बीच अपनी छवि को सुधारने की है। पार्टी को लगता है कि हेमंत सोरेन को जेल भेजने से आदिवासी समुदाय भाजपा से दूर हो गया है। यदि भाजपा एक बार फिर हेमंत सोरेन के साथ सरकार में आती है, तो यह पूर्वाग्रह समाप्त हो सकता है। आदिवासी मानसिकता में बदलाव भाजपा के लिए झारखंड में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, भाजपा को यह भी समझ में आ गया है कि यदि जेएमएम, कांग्रेस, राजद और वामपंथियों का गठबंधन बना रहा, तो झारखंड में जीत पाना मुश्किल होगा।
एक और महत्वपूर्ण कारण है, जो भाजपा और जेएमएम दोनों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। दक्षिणी छोटानागपुर में आदिवासियों का ईसाई धर्म अपनाना और संथालपरगना में बांग्लादेशियों की घुसपैठ से जनसंख्या संरचना में बदलाव हो रहा है। संथालपरगना में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है, और बाहरी मुस्लिम स्थानीय आदिवासी महिलाओं से विवाह कर रहे हैं और जमीन खरीद रहे हैं। सरना संस्कृति का कमजोर होना भी हेमंत सोरेन के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
