ट्रंप का ईरान नीति पर नया रुख: शासन परिवर्तन का विरोध

ट्रंप की ईरान नीति पर बयान
ट्रंप की ईरान नीति: संघर्ष विराम के उल्लंघन के बाद, ट्रंप ने मंगलवार को इजरायल के हमलों की आलोचना की और कहा कि वह इन कार्रवाइयों से संतुष्ट नहीं हैं। कुछ घंटों बाद, उन्होंने नेतन्याहू को एक और झटका देते हुए कहा कि वह ईरान में शासन परिवर्तन के खिलाफ हैं, जबकि दो दिन पहले उन्होंने इसके समर्थन का संकेत दिया था।
नेतन्याहू का दृष्टिकोण
नेतन्याहू ने अपने कई भाषणों में कहा है कि ईरान का खामेनेई शासन शांति में बाधा डालता है और वह इसे उखाड़ फेंकने का इरादा रखते हैं। लेकिन ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वह इस विचार का समर्थन नहीं करते।
शासन परिवर्तन से अराजकता
शासन परिवर्तन से अराजकता पैदा होगी
ट्रंप ने एयरफोर्स वन में पत्रकारों से कहा कि शासन परिवर्तन से 'अराजकता' उत्पन्न होगी। इसके विपरीत, नेतन्याहू ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अली खामेनेई की मौत से संघर्ष समाप्त हो जाएगा।
ट्रंप का बदला सुर
हालांकि, दो दिन पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था, 'अगर मौजूदा ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन को क्यों नहीं बदल दिया?' लेकिन कतर पर ईरान के हमले के बाद, ट्रंप का रुख बदल गया है और अब वह ईरान के साथ टकराव के मूड में नहीं हैं।
व्हाइट हाउस का नया रुख
पीछे हटा व्हाइट हाउस
यह भी स्पष्ट है कि बहस के बढ़ने के बाद व्हाइट हाउस ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह ईरानी लोगों का निर्णय है और अमेरिकी सेना का लक्ष्य नहीं है। इस संघर्ष के बाद, ईरान में अली खामेनेई की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है।