ट्रंप का परमाणु परीक्षण का ऐलान, वैश्विक राजनीति में हलचल
ट्रंप का बयान और वैश्विक प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने संकेत दिया है कि अमेरिका अपने परमाणु हथियारों की परीक्षण प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। यह कदम तीन दशकों से चली आ रही नीति को बदल सकता है। 1992 के बाद से अमेरिका ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है, और यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब रूस, चीन और उत्तर कोरिया अपनी परमाणु क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका ने परीक्षण शुरू किया, तो यह दुनिया को एक नई परमाणु दौड़ और अस्थिरता की ओर ले जा सकता है।
परमाणु परीक्षणों का इतिहास
1945 से 1992 के बीच, अमेरिका ने 1,054 परमाणु परीक्षण किए, जिनमें से अधिकांश नेवादा में हुए। पर्यावरणीय चिंताओं और शीत युद्ध के तनाव कम होने के कारण अमेरिका ने परीक्षणों को रोकने का निर्णय लिया। 1950 के दशक में, जमीन पर किए गए परीक्षणों ने सोवियत संघ के साथ तनाव को बढ़ा दिया। 1958 में, राष्ट्रपति आइजनहावर ने परीक्षणों को रोकने का निर्णय लिया, यह उम्मीद करते हुए कि सोवियत संघ भी ऐसा ही करेगा। 1961 में जब सोवियत संघ ने परीक्षण फिर से शुरू किए, तो अमेरिका ने भी ऐसा किया। 1963 में, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सोवियत संघ ने आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे वायुमंडलीय, पानी के नीचे और बाहरी अंतरिक्ष में परीक्षणों पर रोक लग गई।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
1974 की सीमा परीक्षण प्रतिबंध संधि ने भूमिगत परीक्षणों को 150 किलोटन से कम क्षमता तक सीमित कर दिया। 1992 में, अमेरिका की कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भूमिगत परीक्षणों पर रोक लगा दी गई। 1997 में, राष्ट्रपति क्लिंटन ने व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए, लेकिन सीनेट ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अनुमोदित नहीं किया। वर्तमान में, अमेरिका के पास लगभग 5,225 परमाणु हथियार हैं, जबकि रूस के पास 5,580 हैं। दोनों देशों के पास मिलकर दुनिया के 90% से अधिक परमाणु हथियार हैं।
टेस्ट साइट की तैयारी
नेवादा में परीक्षण स्थल को फिर से तैयार करने में 2 से 4 साल लग सकते हैं। 1960 के दशक में, Mercury Town में 20,000 लोग परीक्षण कार्यों में लगे रहते थे, लेकिन अब वहां वह क्षमता नहीं बची है।
