ट्रंप का यूएन भाषण: भारत और चीन पर गंभीर आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में भारत और चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये देश रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं। ट्रंप ने नाटो देशों की भी आलोचना की और यूएन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उनके भाषण में तकनीकी समस्याएं भी रहीं, लेकिन उन्होंने इनका मजाक उड़ाते हुए अपनी बात रखी। जानें इस विवादास्पद भाषण की सभी मुख्य बातें।
Sep 24, 2025, 20:07 IST
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संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप का विवादास्पद भाषण
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भाषण फिर से चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर दुनिया को कठघरे में खड़ा करते हुए भारत, चीन और यूरोप को खुलकर ललकारा कि वे रूस से तेल खरीदकर युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने नाटो के प्रति भी गंभीर सवाल उठाए और नाटो देशों को जमकर फटकार लगाई। ट्रंप के भाषण से पहले उन्हें कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जैसे कि एक्सीलेटर का बंद होना और टेलीप्रॉम्प्टर का रुक जाना। हालांकि, जब वह भाषण देने पहुंचे, तो उन्होंने यूएन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और भारत-चीन का भी उल्लेख किया।
टेलीप्रॉम्प्टर की खराबी पर ट्रंप का मजाक
खराब एक्सीलेटर, खराब टेलीप्रॉम्प्टर
यूएनजीए के मंच पर ट्रंप ने विश्व नेताओं से कहा कि उन्हें बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भाषण देने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि टेलीप्रॉम्प्टर काम नहीं कर रहा था। उन्होंने मजाक में कहा कि जो भी इस टेलीप्रॉम्प्टर को चला रहा है, वह मुश्किल में है। कुछ ही मिनटों में, उन्हें छपे हुए नोट्स पढ़ते हुए देखा गया। ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से उन्हें दो चीजें मिलीं: एक ख़राब एस्केलेटर और एक ख़राब टेलीप्रॉम्प्टर। धन्यवाद।
भारत-पाक के साथ 7 युद्धों को रोकने का दावा
भारत-पाक समेत 7 जंग रुकवाने का दावा
ट्रंप ने यूएन महासभा में भारत-पाक समेत 7 युद्धों को रोकने का दावा किया। राष्ट्रपति पद के अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार इस महासभा में बोलते हुए, उन्होंने यूएन पर तंज कसते हुए कहा कि इन 7 युद्धों को रोकने की जिम्मेदारी उसकी थी, लेकिन उन्होंने खुद सभी युद्ध समाप्त कराए। ट्रंप ने स्वीकार किया कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना कठिन हो रहा है और भारत और चीन पर रूस को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये देश रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मुख्य वित्तीय योगदान दे रहे हैं। ट्रंप ने नाटो देशों पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने रूस के ऊर्जा उत्पादों पर अधिक रोक नहीं लगाई है, जो शर्मनाक है।
भारत-चीन पर गंभीर आरोप
भारत-चीन जंग को कर रहे फंडिंग
ट्रंप ने भारत और चीन को रूस से तेल खरीदने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनके अनुसार, यदि ये देश आर्थिक दबाव नहीं डालेंगे, तो युद्ध समाप्त नहीं होगा। ट्रंप ने खुद को शांति का सूत्रधार बताते हुए दावा किया कि उन्होंने कई युद्ध समाप्त कराए। उन्होंने यूएन की कार्यक्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल 'सख्त शब्दों वाले पत्र' लिखता है।