ट्रंप का शी जिनपिंग पर हमला: अमेरिका के खिलाफ साजिश का आरोप

ट्रंप का आरोप
ट्रंप का शी जिनपिंग पर आरोप: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीजिंग में आयोजित एक भव्य सैन्य परेड के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर सीधा हमला किया। यह प्रतिक्रिया टैरिफ, तकनीकी मुद्दों और अन्य विवादों के चलते दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है, क्योंकि ट्रंप का टैरिफ विवाद वैश्विक चर्चा का विषय बना हुआ है।
सैन्य परेड का महत्व
यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी। इसमें वियतनाम, मलेशिया, पाकिस्तान, बेलारूस, ईरान, सर्बिया और स्लोवाकिया जैसे कई देशों के नेता शामिल हुए। ट्रंप ने आरोप लगाया कि शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ मिलकर अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रंप का बयान
#BREAKING Trump accuses Xi, Kim and Putin of conspiring against US at Beijing meeting pic.twitter.com/BDdi3Qxg46
— AFP News Agency (@AFP) September 3, 2025
ट्रंप का गर्मजोशी भरा अभिवादन
गर्मजोशी भरा अभिवादन
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'पुतिन और किम जोंग उन को मेरा गर्मजोशी भरा अभिवादन दीजिए, जब आप अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हों।' उन्होंने यह भी पूछा कि क्या शी जिनपिंग अपने भाषण में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका से मिली मदद का उल्लेख करेंगे। ट्रंप ने कहा, 'चीन की जीत और गौरव की लड़ाई में कई अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।'
अमेरिका-चीन के बीच तनाव
अमेरिका और चीन के बीच तनाव
हालांकि, शी जिनपिंग ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम नहीं लिया, बल्कि उन देशों का धन्यवाद किया जिन्होंने चीन की मदद की। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। विश्लेषकों का मानना है कि शी जिनपिंग इस सैन्य प्रदर्शन और हाल ही में हुए शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के माध्यम से वैश्विक मंच पर चीन की ताकत प्रदर्शित करना चाहते हैं।
ट्रंप का चीन पर बयान
ट्रंप का चीन को लेकर बयान
ट्रंप ने कहा कि चीन की परेड अमेरिका की शक्ति के लिए कोई चुनौती नहीं है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'चीन को हमारी जरूरत ज्यादा है, हमें उनकी कम।' ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन भविष्य में अपने सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ नहीं करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि अमेरिका की सेना दुनिया की सबसे मजबूत है और चीन इसे चुनौती देने की गलती नहीं करेगा।