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ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में असफलता स्वीकार की

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में अपनी असफलता स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सबसे कठिन चुनौती रही है, जबकि उन्होंने अपने चुनावी वादों का जिक्र किया। ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने अन्य युद्धों को रोकने का दावा किया था, लेकिन रूस-यूक्रेन का संघर्ष सबसे मुश्किल साबित हुआ। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर उनका क्या कहना है।
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ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में असफलता स्वीकार की

ट्रंप ने अपनी असफलता का किया खुलासा

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के कारण संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इसी संदर्भ में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने अपनी 'असफलता' को स्वीकार किया है, जो उस मुद्दे से संबंधित है जिसका उन्होंने अपने चुनावी अभियान में बड़े पैमाने पर उपयोग किया था।


रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया सबसे कठिन चुनौती

ट्रंप ने एक सभा में कहा कि वह अपने एक चुनावी वादे को पूरा नहीं कर सके। शुक्रवार को व्हाइट हाउस के नए रोज गार्डन में आयोजित कांग्रेस डिनर के दौरान उन्होंने यह बात कही। यह डिनर ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद का पहला था।


ट्रंप का दावा: 7 युद्धों को रोका

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने का वादा किया था, जो उनकी दूसरी बार व्हाइट हाउस में वापसी का एक महत्वपूर्ण आधार था। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार ने पिछले 7 महीनों में 7 युद्धों को रोका है।


पुतिन के साथ संबंधों को बताया आसान

ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें लगा था कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनके संबंधों के कारण यह कार्य आसान होगा, लेकिन यह सबसे कठिन साबित हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अन्य लंबे समय से चल रहे युद्धों को भी जल्दी समाप्त किया था।