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ठाकरे बंधुओं की एकजुटता: नगर निगम चुनावों में साथ आएंगे

ठाकरे बंधुओं के बीच की पुरानी दरार अब कम होती दिख रही है। संजय राउत ने बताया कि उद्धव और राज ठाकरे आगामी नगर निगम चुनावों में एक साथ लड़ेंगे। इस एकजुटता से महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। भाजपा ने इस पर कटाक्ष किया है, जबकि दोनों भाइयों के बीच भाषा के मुद्दे ने उन्हें करीब लाने का काम किया है। बीएमसी चुनावों को लेकर उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
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ठाकरे बंधुओं की एकजुटता: नगर निगम चुनावों में साथ आएंगे

ठाकरे बंधुओं के बीच बढ़ती एकता

ठाकरे परिवार के बीच की पुरानी दरार अब कम होती दिख रही है। शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने जानकारी दी है कि बीएमसी और अन्य प्रमुख शहरों में होने वाले नगर निगम चुनावों में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ भाग लेंगे।


नासिक के अलावा, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली और अन्य नगर निगमों में चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। राउत ने बताया कि दोनों भाइयों को मराठी भाषी समुदाय का समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे वे एक साथ आगे बढ़ने के लिए बातचीत कर रहे हैं।


बीजेपी की प्रतिक्रिया


हालांकि, संजय राउत के बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी अलग या एकजुट हो सकता है, लेकिन पहले उन्हें मुंबई, पुणे और नासिक के चुनाव जीतने चाहिए। महाजन ने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन सभी नगर निगम चुनावों में जीत हासिल करेगा।


भाषा के मुद्दे ने बढ़ाई भाईचारे की भावना


राज ठाकरे ने दो दशक पहले शिवसेना छोड़ दी थी, लेकिन हिंदी थोपे जाने के मुद्दे पर दोनों भाई एक साथ आए हैं। उनके एकजुट होने से महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।


बीएमसी चुनावों का महत्व


बीएमसी चुनावों की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है, और उद्धव सेना इसे अपना गढ़ मानती है। इस चुनाव को लेकर उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हाल ही में, दोनों भाइयों ने मुंबई में एक विजय रैली का आयोजन किया था, जो प्रदेश सरकार द्वारा हिंदी भाषा के जीआर प्रस्ताव वापस लेने के संदर्भ में थी।