ठाकरे भाइयों का गणेश पूजा में पुनर्मिलन: महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़

गणेश पूजा में ठाकरे परिवार की एकजुटता
उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख हैं, ने बुधवार (27 अगस्त) को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे, जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेता हैं, के घर 'शिवतीर्थ' पर गणेश पूजा में भाग लिया। इस अवसर पर उद्धव के साथ उनकी पत्नी रश्मी और बेटे आदित्य तथा तेजस भी मौजूद थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान दोनों परिवारों ने एक साथ तस्वीरें खिंचवाईं, जो उनके बीच बढ़ती नजदीकियों का संकेत देती हैं। दो दशकों से अधिक समय बाद ठाकरे भाइयों का यह मिलन महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की संभावनाओं को जन्म दे रहा है, खासकर जब 2026 में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव नजदीक हैं।
पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे ह्यांनी आज गणेश चतुर्थीनिमित्त मनसेप्रमुख राजसाहेब ठाकरे ह्यांच्या 'शिवतीर्थ' निवासस्थानी गणपती बाप्पाचे दर्शन घेतले. ह्यावेळी सौ. रश्मीवहिनी ठाकरे आणि युवासेनाप्रमुख शिवसेना नेते आमदार आदित्य ठाकरे तसेच ठाकरे कुटुंबीय उपस्थित होते. pic.twitter.com/ngiFhjqPc2
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) August 27, 2025
ठाकरे भाइयों का पुनर्मिलन: एक नया अध्याय
वास्तव में, 2005 में राज ठाकरे के शिवसेना से अलग होकर एमएनएस बनाने के बाद दोनों भाइयों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। हालाँकि, हाल के महीनों में उन्हें कई बार एक साथ देखा गया है। जुलाई में, वर्ली में एक रैली के दौरान, दोनों ने मिलकर राज्य सरकार के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के निर्णय का विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा।
रैली में राज ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है। आज, 20 साल बाद, उद्धव और मैं एक साथ आए हैं। बालासाहेब जो नहीं कर सके, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया... हमें एक करने का काम।” उद्धव ने भी स्पष्ट किया, “हम एक साथ आए हैं और साथ रहेंगे।” इस एकजुटता की गूंज तब और तेज हुई जब राज ने उद्धव के जन्मदिन पर उनके आवास 'मातोश्री' का दौरा किया और दोनों ने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के चित्र के सामने तस्वीर खिंचवाई।
बीएमसी चुनाव और मराठी वोट बैंक
गणेश पूजा के दौरान ठाकरे परिवार की तस्वीरें फिर से चर्चा का विषय बन गईं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस का संभावित गठबंधन मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में मराठी वोट बैंक को मजबूत कर सकता है। शिवसेना का मराठी भाषी मतदाताओं के साथ गहरा संबंध रहा है, और ठाकरे भाइयों का यह मिलन बीएमसी चुनाव से पहले इस समर्थन को और मजबूत कर सकता है।