डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच 'बिग ब्यूटीफुल बिल' पर विवाद: क्या है इसकी कहानी?

ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ता तनाव
एक बड़ा विवाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के CEO एलन मस्क, जो पहले एक-दूसरे के करीबी सहयोगी माने जाते थे, अब खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस टकराव की वजह है 'बिग ब्यूटीफुल बिल', जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था और नीतियों में बदलाव का दावा करता है। ट्रंप इसे अपनी दूसरी पारी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं, और यह वर्तमान में अमेरिकी संसद में गरमागरम बहस का विषय बना हुआ है। तो यह बिल क्या है और क्यों यह ट्रंप और मस्क के बीच दुश्मनी का कारण बन गया है?
बिग ब्यूटीफुल बिल की जानकारी
'बिग ब्यूटीफुल बिल' (OBBBA) 2025 एक व्यापक विधेयक है, जिसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 22 मई 2025 को 215-214 के मामूली अंतर से पारित किया। यह बिल ट्रंप के घरेलू नीति एजेंडे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 2017 की टैक्स कटौती को बढ़ाना, सैन्य खर्च में वृद्धि करना, सीमा सुरक्षा को मजबूत करना और अवैध प्रवासियों के निर्वासन के लिए फंडिंग सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, इसमें विदेश में पैसे भेजने पर रेमिटेंस टैक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली टैक्स छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव भी शामिल है। ट्रंप का दावा है कि यह बिल 1.6 ट्रिलियन डॉलर की बचत करेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 'दुनिया में सबसे ताकतवर' बनाएगा।
मस्क की आपत्ति
एलन मस्क ने इस विधेयक को 'पागलपन' और 'विनाशकारी' बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'सीनेट का नया ड्राफ्ट बिल लाखों नौकरियां खत्म कर देगा और हमारे देश को रणनीतिक रूप से कमजोर बना देगा। यह कानून पुराने उद्योगों को रियायत देता है, लेकिन भविष्य के उद्योगों को तबाह कर देगा।' मस्क का मानना है कि यह बिल अमेरिका को आर्थिक रूप से कमजोर करेगा और विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा, जो उनकी कंपनी टेस्ला के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने चेतावनी दी कि 'अगर यह पागलपन भरा खर्च बिल पास हो जाता है, तो अगले ही दिन अमेरिका पार्टी का गठन हो जाएगा।'
ट्रंप का जवाब
मस्क की आलोचनाओं का जवाब देते हुए ट्रंप ने तीखे अंदाज में कहा कि 'एलन को शायद इंसान से ज्यादा सब्सिडी मिलती है। बिना सब्सिडी के उन्हें अपनी दुकान बंद करके दक्षिण अफ्रीका जाना होगा।' उन्होंने मस्क की कंपनियों टेस्ला और स्पेसएक्स को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी और अनुबंधों की जांच की मांग की। ट्रंप ने कहा, 'इलेक्ट्रिक कारें ठीक हैं, लेकिन हर किसी को इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।'
भारत पर प्रभाव
'बिग ब्यूटीफुल बिल' का भारत पर प्रभाव भी चिंता का विषय है। इस बिल में विदेश में पैसे भेजने पर 3.5% टैक्स का प्रावधान है, जो भारत जैसे देशों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। भारत हर साल अरबों डॉलर की रेमिटेंस प्राप्त करता है, और इस टैक्स से उस पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसके अलावा, बिल में स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रमों और मेडिकेड में कटौती का प्रस्ताव भी है, जिससे 86 लाख अमेरिकी नागरिकों का स्वास्थ्य बीमा खतरे में पड़ सकता है।