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डोनाल्ड ट्रंप और लूला डा सिल्वा के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा

डोनाल्ड ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के बीच व्यापार को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। ट्रंप ने ब्राजील से आने वाले सामान पर भारी टैक्स लगाने की धमकी दी है, जिसे लूला ने बेतुका और अतार्किक बताया है। लूला का कहना है कि इस तरह की धमकियों से केवल ब्राजील ही नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान होगा। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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डोनाल्ड ट्रंप और लूला डा सिल्वा के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा

ट्रंप की टैरिफ धमकी पर लूला का जवाब

डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने "अमेरिका फर्स्ट" का नारा दिया है, और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के बीच व्यापार को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। ट्रंप ने ब्राजील से आने वाले उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने की चेतावनी दी है, जिसका लूला ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने ट्रंप के इस कदम को "बेतुका और अतार्किक" करार दिया है।


ट्रंप ने हाल ही में कहा कि यदि वे चुनाव जीतते हैं, तो वे ब्राजील समेत अन्य देशों के सामान पर 60% तक का टैरिफ लगा सकते हैं। उनका तर्क है कि ये देश अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाते हैं, इसलिए अमेरिका को भी ऐसा करना चाहिए।


लूला ने ट्रंप की इस धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि दो लोकतांत्रिक देशों के बीच व्यापारिक संबंध इस तरह की धमकियों से नहीं चल सकते। लूला ने कहा, "आप लोकतंत्र और दोस्ती की बात करते हैं, लेकिन दूसरी ओर आप उन उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी देते हैं जो आपके देश के लोगों के लिए फायदेमंद हैं? यह कैसी तर्कहीनता है?"


उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के निर्णय केवल ब्राजील को ही नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचाएंगे, क्योंकि उन्हें ब्राजील से आने वाले सामान के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।


लूला ने स्पष्ट किया कि ब्राजील किसी व्यापारिक लड़ाई में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन वह किसी के दबाव में भी नहीं आएगा। उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूँ कि अमेरिका में समझदारी बनी रहेगी। दो बड़े देशों के बीच लड़ाई की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।"


ब्राजील हमेशा बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का पक्षधर है, लेकिन यदि ट्रंप अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ते हैं, तो ब्राजील भी अपने हितों की रक्षा के लिए चुप नहीं बैठेगा। यह स्थिति दर्शाती है कि यदि ट्रंप सत्ता में लौटते हैं, तो दुनिया एक बार फिर 'टैरिफ वॉर' का सामना कर सकती है।