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डोनाल्ड ट्रंप का संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस-यूक्रेन युद्ध पर बयान

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत और चीन को रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रमुख फंडर बताया। उन्होंने यूरोप और नाटो देशों पर कड़ी आलोचना की और ऊर्जा खरीद पर रोक लगाने की अपील की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कठोर टैरिफ लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह संगठन समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें बढ़ाता है।
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डोनाल्ड ट्रंप का संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस-यूक्रेन युद्ध पर बयान

रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की टिप्पणी

रूस-यूक्रेन युद्ध: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में कहा कि भारत और चीन इस संघर्ष के मुख्य वित्तीय स्रोत हैं। उन्होंने यूरोप और नाटो देशों पर भी रूस से गैस खरीदने के लिए कड़ी आलोचना की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस रक्तपात को समाप्त करने के लिए कठोर टैरिफ लगाने के लिए तैयार है।


यूरोप और नाटो देशों की आलोचना

नाटो और यूरोपीय देशों को भी लताड़ा

ट्रंप ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने रूस की छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने यूरोप और नाटो देशों से आग्रह किया कि वे रूस से ऊर्जा उत्पादों की खरीद में कमी लाकर इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करें।


ऊर्जा खरीद पर रोक लगाने की अपील

तुरंत रूस से ऊर्जा खरीद पर रोक लगाए यूरोप

ट्रंप ने कहा, 'यूरोप को तुरंत रूस से ऊर्जा खरीद पर रोक लगानी चाहिए।' उन्होंने चेतावनी दी कि जो देश रूस से तेल और गैस खरीदते हैं, वे इस युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं।


संयुक्त राष्ट्र की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र पर भी जमकर बरसे ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह संगठन अक्सर समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य युद्धों को रोकना है, न कि उन्हें बढ़ाना और वित्तपोषित करना।