डोनाल्ड ट्रंप की रणनीतियों पर पीएम मोदी का प्रभाव: अमेरिका और भारत के रिश्तों में बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिका के भारत के प्रति बदलते दृष्टिकोण पर चर्चा की गई है। ट्रंप की धमकियों और पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता के प्रयासों के बीच, भारत और अमेरिका के रिश्तों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। क्या ये घटनाएँ भारत के लिए एक नई दिशा का संकेत हैं? जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
Sep 26, 2025, 15:34 IST
| 
अमेरिका का भारत के प्रति नया दृष्टिकोण
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि अमेरिका अब भारत को केवल एक व्यापारिक साथी नहीं, बल्कि एक प्रतिस्पर्धी के रूप में देख रहा है। ट्रंप का मानना था कि पाकिस्तान की तरह भारत भी उनके सामने खड़ा होगा, लेकिन पीएम मोदी ने अपनी व्यस्तता के चलते ट्रंप के फोन का जवाब नहीं दिया। इस स्थिति में ट्रंप ने इन दोनों को अपने साथ खड़ा कर पीएम मोदी को चिढ़ाने का प्रयास किया। इसके साथ ही, ट्रंप ने पुतिन पर भी सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की।
पीएम मोदी का रूस के साथ सहयोग
ट्रंप ने अचानक यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की तारीफ करनी शुरू कर दी, जबकि पीएम मोदी ने रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पत्रुशेव से मुलाकात कर कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग बढ़ाने की बात की। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि रूस एक विश्वसनीय साझेदार है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में उन्होंने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर रक्षा क्षेत्र में।
ट्रंप की धमकियां और भारत का जवाब
ट्रंप ने पुतिन को 'कागजी शेर' बताते हुए कहा कि रूस तभी हार जाएगा जब भारत को सजा दी जाएगी। उन्होंने 1 अक्टूबर से भारत पर दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी, जो भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि भारत अमेरिका को दवाओं का एक बड़ा निर्यातक है।
भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
ट्रंप ने पाकिस्तान के नेताओं को गले लगाकर यह दिखाने की कोशिश की कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ है, जबकि भारत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि सभी हथियारों के पुर्जों पर 'मेड इन इंडिया' की छाप हो, और इस दिशा में रूस मदद कर रहा है।