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डोनाल्ड ट्रंप के झूठ और भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर विवाद

डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की है, जबकि भारत ने उनके दावों को खारिज किया है। ट्रंप का कहना है कि यदि वह हस्तक्षेप नहीं करते, तो युद्ध जारी रहता। भारत ने स्पष्ट किया है कि किसी तीसरे देश ने मध्यस्थता नहीं की। इस लेख में ट्रंप के झूठे दावों और भारत की स्थिति पर चर्चा की गई है।
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डोनाल्ड ट्रंप के झूठ और भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर विवाद

ट्रंप का झूठा दावा

डोनाल्ड ट्रंप लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं और भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पहले मुस्लिम देशों की यात्रा की और वहां झूठी बातें कीं। ट्रंप का कहना है कि यदि वह हस्तक्षेप नहीं करते, तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जारी रहता। हालांकि, भारत ने बार-बार ट्रंप के इस दावे को खारिज किया है।


भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि किसी तीसरे देश ने मध्यस्थता नहीं की। सीजफायर तब हुआ जब पाकिस्तान ने भारत के सामने गिड़गिड़ाते हुए बातचीत की गुहार लगाई। अमेरिका और तुर्की तक मदद की अपील की गई।


भारत की स्थिति

हालांकि, ट्रंप ने फिर से झूठा दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे बातचीत की और कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना कम कर देगा। भारत ने इस दावे को भी खारिज किया है और स्पष्ट किया है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। कुछ रिपोर्टों में यह कहा गया है कि कुछ कंपनियों के साथ व्यापार कम हुआ है, लेकिन यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।


इस बीच, ट्रंप ने एशिया के दौरे पर नए झूठ गढ़ने की कोशिश की। उन्होंने कोरिया में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध समाप्त होने का श्रेय उन्हें जाता है।


अमेरिका और चीन के बीच व्यापार

ट्रंप ने दक्षिण कोरिया में पहुंचते ही फिर से झूठा दावा किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध उनकी वजह से समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि यदि वह हस्तक्षेप नहीं करते, तो व्यापार पर 250% टैरिफ लग जाता।


अमेरिका ने भारत के साथ संबंध सुधारने और चीन पर दबाव डालने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। ट्रंप ने ईरान के रास्ते भारत को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है।