डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाने का किया ऐलान, क्या होगा उद्योगों पर असर?

स्टील पर आयात शुल्क में वृद्धि
स्टील टैरिफ में बदलाव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने विदेशों से आयातित स्टील पर शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। यह नया शुल्क 4 जून से लागू होगा। यह कदम वैश्विक व्यापार युद्ध को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है, खासकर जब ट्रंप ने चीन पर एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है।
चीन पर सीधा हमला
ट्रंप ने चीन को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि अमेरिका का भविष्य "पिट्सबर्ग की ताकत और गौरव" से बनना चाहिए, न कि "शंघाई के घटिया स्टील" पर निर्भर रहकर। यह बयान चीन के साथ चल रही व्यापारिक तनाव को और स्पष्ट करता है।
उद्योगों पर संभावित प्रभाव
स्टील पर आयात शुल्क को दोगुना करने से उन उद्योगों की लागत में वृद्धि हो सकती है जो स्टील पर निर्भर हैं, जैसे आवास निर्माण, ऑटोमोबाइल और निर्माण क्षेत्र। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2018 में लागू स्टील टैरिफ के बाद से स्टील उत्पादों की कीमतों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है।
ट्रंप की व्यापार सुरक्षा नीति
राष्ट्रपति ट्रंप का यह निर्णय उनके व्यापार सुरक्षा के दृष्टिकोण का हिस्सा है। जनवरी में पुनः सत्ता में आने के बाद से उन्होंने स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लागू किया था, जो मार्च से प्रभावी हुआ। उन्होंने कनाडा के स्टील पर भी 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया।
यूएस स्टील और निप्पॉन डील
संभावित निवेश डील: ट्रंप ने अपने संबोधन में यूएस स्टील और जापान की निप्पॉन स्टील के बीच संभावित निवेश डील की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हम आज एक महत्वपूर्ण समझौते का जश्न मना रहे हैं जो सुनिश्चित करेगा कि यह ऐतिहासिक अमेरिकी कंपनी अमेरिकी बनी रहे।" उन्होंने यूएस स्टील के कर्मचारियों से कहा, "आप एक अमेरिकी कंपनी ही बने रहोगे, ये आप जानते हो, है ना?"
डील पर अस्पष्टता
हालांकि इस प्रस्तावित समझौते के बारे में कोई ठोस जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। निप्पॉन स्टील ने इसे "पार्टनरशिप" बताया है, लेकिन कोई स्पष्ट शर्तें सामने नहीं आई हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस डील के तहत यूएस स्टील के संचालन को अमेरिका-आधारित नेतृत्व और विशेष सरकारी वीटो पावर के तहत चलाया जाएगा।
यूनियन की चिंताएं
यूएस स्टीलवर्कर्स यूनियन, जो इस अधिग्रहण का लंबे समय से विरोध कर रही है, ने इस डील को लेकर संदेह व्यक्त किया है। यूनियन ने कहा, "निप्पॉन लगातार यही कहती रही है कि वह यूएस स्टील में निवेश तभी करेगी जब वह कंपनी की पूर्ण स्वामी होगी। पिछले कुछ दिनों की रिपोर्टिंग में ऐसा कुछ नहीं दिखा कि निप्पॉन ने अपनी इस स्थिति से पीछे हटने का संकेत दिया हो।"