डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग की नई चुनौती: ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विवाद

महाभियोग की नई कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार, 24 जून को सदन के डेमोक्रेट्स को एक चुनौती दी। उन्होंने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अनधिकृत सैन्य हमले के संदर्भ में प्रतिनिधि अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ (डी-एनवाई) के आह्वान के बाद महाभियोग चलाने की चुनौती दी। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी संसद के निचले सदन, प्रतिनिधि सभा ने बिना संसदीय मंजूरी के ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए ट्रम्प पर महाभियोग चलाने के प्रयासों के खिलाफ मतदान किया।
वोटिंग का परिणाम
इस प्रस्ताव के खिलाफ 344 और पक्ष में 79 वोट पड़े। टेक्सास से डेमोक्रेटिक सांसद एल ग्रीन ने यह प्रस्ताव पेश किया, जिस पर संक्षिप्त चर्चा हुई। इस दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी में भी विभाजन देखने को मिला। कई सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। ग्रीन ने कहा, 'किसी को भी अमेरिकी संसद से परामर्श किए बिना 30 करोड़ लोगों को युद्ध में झोंकने का अधिकार नहीं होना चाहिए।'
डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थिति
यह ट्रम्प पर महाभियोग की पहली कोशिश नहीं है, लेकिन यह दर्शाता है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्य ईरान के परमाणु केंद्रों पर अचानक हमले के बाद असहज हैं। हालांकि, डेमोक्रेटिक सांसदों ने ग्रीन की आलोचना नहीं की, लेकिन उनके ध्यान का केंद्र अन्य मुद्दे हैं। महाभियोग के मामलों में आमतौर पर पार्टी नेतृत्व की ओर से किसी विशेष तरीके से वोट देने का दबाव नहीं होता।
ट्रंप के कर छूट पैकेज पर ध्यान
कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सांसद और प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक कॉकस के अध्यक्ष पीट एगुइलर ने ट्रम्प के बड़े कर छूट पैकेज का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि इससे अलग किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करना ध्यान भटकाने वाला होगा।' डेमोक्रेटिक पार्टी पहले भी ट्रम्प के खिलाफ दो बार महाभियोग प्रस्ताव पेश कर चुकी है।
पिछले महाभियोग मामले
2019 में, रूस के सैन्य आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन को दी जाने वाली धनराशि रोकने के लिए ट्रम्प के खिलाफ पहला महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद, 2021 में राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन की जीत के विरोध में कैपिटल हिल पर हमले के बाद दूसरा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। हालांकि, दोनों मामलों में सीनेट ने ट्रम्प को आरोपों से बरी कर दिया था।