तमिलनाडु में चुनावी गठबंधन की चुनौतियाँ: भाजपा और अन्ना डीएमके के बीच तनाव

चुनाव की तैयारी और गठबंधन की स्थिति
तमिलनाडु में अगले वर्ष अप्रैल में होने वाले चुनावों की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को स्वयं देख रहे हैं। अन्ना डीएमके के साथ तालमेल बनाने के लिए उन्होंने चेन्नई का दौरा किया। अन्ना डीएमके को भाजपा के साथ लाने के लिए पार्टी के के अन्नमलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर नयनार नागेंद्रन को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बावजूद, दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन में समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्ना डीएमके को यह महसूस हो रहा है कि भाजपा उनकी ताकत को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। हाल ही में, भाजपा के नेताओं से दिल्ली में मिलने वाले अन्ना डीएमके के एक नेता को पार्टी से निकालने के बाद पलानीस्वामी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
हाल के दिनों में एनडीए के दो सहयोगी दल गठबंधन से बाहर हो चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने एनडीए से अलग होने का निर्णय लिया है और वे नई पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं। इसी तरह, जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण ने भी अपनी पार्टी के साथ एनडीए से अलग होने का ऐलान किया है। पनीरसेल्वम और दिनाकरण की शर्त है कि भाजपा पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित न करे, तभी वे एनडीए के साथ बने रहेंगे। पलानीस्वामी के समर्थक इसे एक साजिश मानते हैं, और उनका कहना है कि भाजपा के इशारे पर ये नेता ऐसा कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में शशिकला के खिलाफ ईडी ने एक नया मामला दर्ज किया है, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना काल में लगभग 450 करोड़ रुपये नकद देकर एक चीनी मिल खरीदी थी।