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तालिबान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर विवाद

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने से रोकने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह घटना तालिबान सरकार के मानवाधिकारों के उल्लंघन और महिलाओं के अधिकारों के प्रति उनके दृष्टिकोण को उजागर करती है।
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तालिबान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर विवाद

तालिबान विदेश मंत्री का भारत दौरा

तालिबान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस का विवाद: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने गुरुवार को भारत का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, उनकी विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह बैठक 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत में हुई पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। हालांकि, इस बैठक के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने से रोकने पर विवाद उत्पन्न हो गया।


महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया

तालिबान सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के आरोप लगते रहे हैं। तालिबान महिलाओं को काम करने और लड़कियों की शिक्षा को गैर-इस्लामिक मानता है। इसी कारण, नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास में मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिया गया, जिससे महिला पत्रकारों और विपक्ष के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।


प्रियंका गांधी का बयान

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता केवल चुनावी दिखावा नहीं है, तो फिर भारत की सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे सहन किया गया?'


अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

कांग्रेस सांसद कार्ती पी चिदंबरम ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की, 'मैं समझता हूँ कि हमें तालिबान के साथ बातचीत करने की जियोपॉलिटिकल मजबूरियाँ हैं, लेकिन उनके भेदभावपूर्ण रीति-रिवाजों को स्वीकार करना हास्यास्पद है। यह निराशाजनक है कि महिला पत्रकारों को तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखा गया।'


महुआ मोइत्रा की टिप्पणी

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त की, 'हमारी सरकार तालिबान के विदेश मंत्री को न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति कैसे दे सकती है? यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।'


प्रेस कॉन्फ्रेंस की तस्वीर

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पब्लिक कम्युनिकेशन के निदेशक हाफ़िज़ ज़िया अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तस्वीर साझा की है, जिसमें स्पष्ट रूप से कोई महिला पत्रकार नहीं दिखाई दे रही है।