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तेज प्रताप यादव का तेजस्वी यादव पर नया बयान: राम-लक्ष्मण की तुलना

तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ अपने रिश्ते को राम और लक्ष्मण की तुलना में रखा है। उन्होंने तेजस्वी से सम्मान की मांग की है और पार्टी से निकाले जाने के बाद अपने विचार व्यक्त किए हैं। तेज प्रताप ने आरएसएस पर भी टिप्पणी की और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक योजनाओं का खुलासा किया। यह बयान बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।
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तेज प्रताप यादव का तेजस्वी यादव पर नया बयान: राम-लक्ष्मण की तुलना

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तेज प्रताप का बड़ा बयान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने हाल ही में अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। पहले तेज प्रताप, तेजस्वी को कृष्ण और खुद को अर्जुन मानते थे, लेकिन अब उन्होंने इस तुलना को पूरी तरह से बदल दिया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद, तेज प्रताप ने स्पष्ट किया है कि उनका रिश्ता अब भगवान राम और लक्ष्मण जैसा है।


तेज प्रताप की मांग

एक साक्षात्कार में, तेज प्रताप ने कहा कि तेजस्वी को उन्हें वही सम्मान देना चाहिए जो भगवान राम को लक्ष्मण से मिलता था। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे भाई होने के नाते, तेजस्वी को भी उन्हें सम्मान और गरिमा देनी चाहिए, खासकर जब से तेज प्रताप को पार्टी से बाहर किया गया है।


तेज प्रताप की तीखी प्रतिक्रिया

जब उनसे पार्टी में रहते हुए अपने करीबी लोगों से बागी उम्मीदवार खड़े करने के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो तेज प्रताप ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि छोटे भाई होने के नाते तेजस्वी को सम्मान और अनुशासन का पालन करना चाहिए, जैसे लक्ष्मण ने राम के लिए किया था। तेज प्रताप ने तेजस्वी पर आरोप लगाया कि वह कुछ लोगों के प्रभाव में आ गए हैं, जिनकी तुलना उन्होंने 'जयचंद' से की है, जो एक ऐतिहासिक व्यक्ति है जिसे विश्वासघाती माना जाता है।


विश्वासघात का आरोप

तेज प्रताप की तेजस्वी के करीबी सहयोगियों, जैसे राज्यसभा सांसद संजय यादव के प्रति कटुता जगजाहिर है। उन्होंने संजय यादव की तुलना जयचंद से करते हुए उन पर विश्वासघात का आरोप लगाया है। यह तुलना एक ऐतिहासिक संदर्भ से उपजी है, जहां एक राजा जयचंद ने दुश्मन की मदद की थी। तेज प्रताप ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई है, जो तेजस्वी के राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र के निकट है।


महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन

इसके अलावा, तेज प्रताप ने राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की, खासकर आरएसएस के शताब्दी समारोह के दौरान। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी और उन्होंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन करने की बात की। विवादास्पद 'आई लव मोहम्मद' प्रकरण पर, तेज प्रताप ने पैगंबर मोहम्मद के प्रति अपने सम्मान का बचाव किया और कहा कि विवाद पैदा करने वाले लोग केवल शांति भंग कर रहे हैं।


बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव

तेज प्रताप के हालिया बयान परिवार की आंतरिक गतिशीलता और बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का संकेत देते हैं। तेजस्वी से सम्मान की उनकी मांग और बढ़ती राजनीतिक दरार आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण कारक बन सकती है।