तेज प्रताप यादव का बयान: बिहार चुनाव में नया मोड़

तेज प्रताप यादव का चुनावी ऐलान
Bihar Chunav 2025: राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का हालिया बयान बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ लाता है। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तेज प्रताप यादव के हाल के दिनों में 'बगावती तेवर' देखने को मिले थे। मुजफ्फरपुर के मझौलिया में एक निजी कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "मैं महुआ से चुनाव लड़ने जा रहा हूँ, यह निश्चित है। तेजस्वी अब भी मेरे अर्जुन हैं।" तेज प्रताप का यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है और साथ ही लालू परिवार के अंदरूनी रिश्तों को भी उजागर करता है। पार्टी (राजद) और परिवार से निकाले जाने के बावजूद, तेज प्रताप का तेजस्वी यादव के प्रति सकारात्मक रुख यह दर्शाता है कि उन्होंने 'टीम तेज प्रताप यादव' का गठन किया है, लेकिन वे परिवार से अलग नहीं होना चाहते।
तेज प्रताप और परिवार के रिश्ते
हालांकि, राजनीतिक हलकों में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या तेज प्रताप यादव अपने मामा साधु यादव और सुभाष यादव की राह पर चल सकते हैं। दरअसल, उनका यह बयान साधु यादव और सुभाष यादव के लालू परिवार के साथ तनावपूर्ण संबंधों के संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। साधु यादव, जो कभी राजद सुप्रीमो के करीबी थे, ने 2004 में लालू से मतभेद के बाद अलग राह पकड़ ली। साधु ने 2010 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और लालू परिवार की आलोचना की। 2021 में साधु यादव ने तेजस्वी यादव की शादी पर विवादित टिप्पणी की थी, जिससे काफी हलचल मची थी।
तेज प्रताप का तेजस्वी के प्रति समर्थन
इस दौरान, तेज प्रताप यादव ने अपने भाई तेजस्वी यादव का समर्थन किया। उन्होंने साधु यादव को 'कंस मामा' कहकर जवाब दिया और उनके आपराधिक इतिहास का भी उल्लेख किया। सुभाष यादव, जो लालू यादव के साले हैं, ने भी परिवार से बगावत की थी। दोनों ने लालू परिवार के खिलाफ बाहरी दलों के साथ गठबंधन किया था, जिससे राजद को नुकसान हुआ। तेज प्रताप यादव का रुख साधु और सुभाष से अलग है, क्योंकि उन्होंने तेजस्वी यादव को 'अर्जुन' कहकर उनके नेतृत्व को स्वीकार किया है।
तेज प्रताप की राजनीतिक रणनीति
तेज प्रताप यादव का हालिया बयान उनके पुराने बयानों से मेल खाता है, जब उन्होंने खुद को 'कृष्ण' और तेजस्वी को 'अर्जुन' कहा था। अब जब वह अपनी कथित प्रेमिका अनुष्का यादव के साथ संबंधों के कारण परिवार से अलग हो गए हैं, तो उन्होंने एक नया संगठन 'टीम तेज प्रताप' बनाने का ऐलान किया और महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी निर्णय लिया। फिर भी, वे हमेशा तेजस्वी यादव या लालू यादव के खिलाफ तीखी टिप्पणियों से बचते रहे हैं। यह दर्शाता है कि वे अपने परिवार से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ना चाहते।
राजद के लिए चुनौती
हालांकि, यह भी सच है कि तेज प्रताप यादव अपने समर्थकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं। हाल ही में एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि परिवार और राजनीति अलग चीजें हैं। अब जब उन्होंने महुआ सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, तो यह राजद के लिए एक चुनौती बन सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप की यह रणनीति राजद के वोट बैंक, खासकर यादव और मुस्लिम मतदाताओं पर असर डाल सकती है।