तेज प्रताप यादव की चुनावी रणनीति: शाहपुर सीट पर मदन यादव को प्रत्याशी घोषित किया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
तेज प्रताप यादव: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी चुनावी मैदान में सक्रिय हो गए हैं। एक ओर विपक्ष मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न पार्टियाँ सीट बंटवारे और अन्य मुद्दों पर लगातार चर्चा कर रही हैं। महागठबंधन अब तक इस विषय पर 7 बैठकें कर चुका है। इसी बीच, तेज प्रताप यादव ने अपनी जन संवाद यात्रा के तहत शनिवार को भोजपुर का दौरा किया और बिहिया के एक खेत में धान की रोपाई भी की।
आरजेडी को संभावित नुकसान
जन संवाद यात्रा के दौरान तेज प्रताप यादव ने एक कार्यक्रम में भाग लिया और शाहपुर सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा की। उन्होंने मदन यादव को इस सीट के लिए प्रत्याशी बनाया है, जबकि यहां से राजद के मंटू तिवारी विधायक हैं। यदि मदन यादव चुनाव में उतरते हैं, तो आरजेडी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि भविष्य में राजद की सरकार बनेगी, जिसमें गरीब, किसान और युवा शामिल होंगे। यह राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि वे एक ओर राजद की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर रहे हैं।
तेज प्रताप की रणनीति पर चर्चा
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेज प्रताप यादव एक सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठा रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि परिवार उनके महत्व को समझे और उन्हें सम्मान मिले। वे प्रत्याशी घोषित कर दबाव बना रहे हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव में 10-15 वोटों का अंतर निर्णायक हो सकता है, जैसा कि 2020 के चुनाव में देखा गया था।
यदि तेज प्रताप 10-15 हजार वोटों में सेंधमारी कर लेते हैं, तो यह तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में इंडिया और एनडीए के बीच केवल 11,000 वोटों से हार-जीत का फैसला हुआ था। ऐसे में आरजेडी चुनाव से पहले तेज प्रताप को मनाने की कोशिश कर सकती है।