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तेज प्रताप यादव ने बिहार चुनाव में रोजगार का बड़ा दावा किया

तेज प्रताप यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद मीडिया से बातचीत में रोजगार के बड़े दावे किए। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार से बेरोजगारी खत्म होने वाली है और गांवों में रोजगार उपलब्ध होगा। उनके परिवार ने भी चुनाव में जीत की शुभकामनाएं दी हैं। जानें तेज प्रताप का चुनावी दृष्टिकोण और उनके भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रचार पर क्या कहा।
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तेज प्रताप यादव ने बिहार चुनाव में रोजगार का बड़ा दावा किया

तेज प्रताप यादव का मतदान और मीडिया से संवाद


वैशाली। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान, जन शक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महुआ विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को अपना वोट डाला। मतदान के बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रचार करने के सवाल का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का मामला है और उन्होंने भी उनके खिलाफ प्रचार किया है। तेज प्रताप ने विरोधियों द्वारा दी जाने वाली चुनौती को नकारते हुए कहा कि 'कोई कठिनाई नहीं है, उन्हें चुनौती का सामना करने की आदत है।'


परिवार से मिली जीत की शुभकामनाएं

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने बेटे तेज प्रताप यादव को जीत की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वह अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं और एक मां के रूप में उन्हें आशीर्वाद देती हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी तेज प्रताप के चुनाव लड़ने पर कहा, 'मेरा आशीर्वाद तेज प्रताप के साथ है। क्या आप अपने भाई-बहनों को आशीर्वाद नहीं देते?'


तेजस्वी को आशीर्वाद नहीं देने पर प्रतिक्रिया

तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी को आशीर्वाद न देने के सवाल पर कहा कि 'माता-पिता का आशीर्वाद हमारे साथ है। हमें अपनी जीत पर पूरा विश्वास है। इस विश्वास का कारण यहां बनवाया गया मेडिकल कॉलेज है। राजद के मुकेश रौशन के खिलाफ जीत में कोई कठिनाई नहीं है।' तेजस्वी यादव को आशीर्वाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'जो अच्छा काम करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे।'


बिहार में रोजगार का बड़ा दावा

तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत में बिहार के लिए एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार से बेरोजगारी समाप्त होने वाली है। उन्होंने आश्वासन दिया, 'गांवों में जो लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं, उन्हें आठ दिन बाद बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्हें बिहार में ही रोजगार मिल जाएगा।'