तेजप्रताप यादव का विवादास्पद बयान: महिला सशक्तिकरण पर उठे सवाल

तेजप्रताप यादव का बयान
तेजप्रताप यादव का बयान: बिहार की राजनीति में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर एक बड़ा विमर्श शुरू हो गया है। पूर्व आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए।
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'चुनाव के समय महिलाओं को 10 हजार रुपये देने का वादा किया जा रहा है, लेकिन मतदान समाप्त होते ही यह सब छिन जाएगा।' तेजप्रताप का यह बयान उस समय आया है जब राज्य में महिला रोजगार योजना की शुरुआत की गई है, और एनडीए सरकार इसे विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
राहुल तिवारी पर निशाना
राहुल तिवारी पर निशाना
तेजप्रताप यादव ने शाहपुर से आरजेडी विधायक राहुल तिवारी की टिप्पणी पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 'उन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगानी चाहिए, नहीं तो हम ठंडा दे देंगे।' तेजप्रताप ने यह भी आरोप लगाया कि तिवारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं और उन्होंने पूरी तरह 'अपना संतुलन खो दिया है।' तेजप्रताप ने यह भी कहा कि उनका कभी तिवारी के सैलून से कोई वास्ता नहीं रहा, बल्कि टिकट के लिए तिवारी ने उनसे मदद मांगी थी और अब वे सब भूल गए हैं।
महिला रोजगार योजना पर सवाल
महिला रोजगार योजना पर सवाल
तेजप्रताप का बयान सीधे एनडीए सरकार की महिला रोजगार योजना से जुड़ता है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इस योजना के तहत बिहार के हर परिवार की एक महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10 हजार रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। तेजप्रताप ने इसी पर तंज कसते हुए कहा कि महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की बात सिर्फ चुनाव तक सीमित है, उसके बाद सबकुछ वापस ले लिया जाएगा।
क्या है 10 रुपये देने वाली योजना?
क्या है 10 रुपये देने वाली योजना?
सरकार के अनुसार, यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। योजना में छह महीने बाद काम का मूल्यांकन होने पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिल सकती है। इसके साथ ही ग्रामीण हाट-बाजारों के विकास की बात कही गई है, ताकि महिलाएं अपने उत्पाद सीधे बाजार तक पहुंचा सकें। योजना का लाभ सभी जाति, धर्म और ट्रांसजेंडर समुदाय को मिलेगा, लेकिन शर्त यह है कि परिवार में कोई सरकारी नौकरी या आयकरदाता न हो।
क्या हैं राजनीतिक मायने?
क्या हैं राजनीतिक मायने?
तेजप्रताप यादव के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि महिला रोजगार योजना केवल प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि चुनावी राजनीति का हिस्सा बन चुकी है। एनडीए सरकार इसे महिला सशक्तिकरण का बड़ा मिशन बता रही है, जबकि विपक्ष और बागी नेता इसे चुनावी प्रलोभन करार दे रहे हैं। तेजप्रताप का सीधा आरोप है कि यह महिलाओं के सम्मान का सवाल है और सत्ता पक्ष केवल वोट की राजनीति कर रहा है। अब देखना होगा कि यह मुद्दा चुनावी माहौल में किस तरह का राजनीतिक रंग लेता है।