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तेजप्रताप यादव की राजनीतिक सक्रियता: चुनावी रणनीति या भावनात्मक बयान?

बिहार में चुनावों की तैयारी के बीच तेजप्रताप यादव ने अपनी राजनीतिक सक्रियता को बढ़ा दिया है। परिवार और पार्टी से निकाले जाने के बावजूद, वे सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने कुछ भावनात्मक पोस्ट साझा किए हैं, जिनमें सत्य के मार्ग पर चलने की बात की गई है। जानें उनके बयानों के पीछे की रणनीति और क्या हो सकता है अगर वे अलग चुनाव लड़ते हैं।
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तेजप्रताप यादव की राजनीतिक सक्रियता: चुनावी रणनीति या भावनात्मक बयान?

बिहार की राजनीति में तेजप्रताप का नया मोड़

Bihar Politics: बिहार में चुनावों की तैयारी के बीच तेजप्रताप यादव ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। परिवार और पार्टी से बाहर किए जाने के बावजूद, वे सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय हैं। आज सुबह 4 बजे उन्होंने एक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा है कि हमें हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन अंततः विजय उसी का होता है जो सत्य पर चलता है। राजा हरिशचंद्र ने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को सत्य के मार्ग पर चलकर पुनः प्राप्त किया।


तेजप्रताप की पहली प्रतिक्रिया

तेजप्रताप यादव ने अनुष्का यादव मामले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया 1 जून को दी थी। उस दिन उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर माता-पिता का आशीर्वाद मांगा। इसके बाद, 6 जून को उन्होंने एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि हमारे सभी सपने सच हो सकते हैं, यदि हम उन्हें पूरा करने का साहस रखते हैं। इस एक मिनट के वीडियो में वे अपने ऑफिस में प्रवेश कर रहे हैं, जबकि पीछे लालू-राबड़ी की तस्वीर है।


तेजप्रताप यादव की राजनीतिक सक्रियता: चुनावी रणनीति या भावनात्मक बयान?


तेजप्रताप के तीन पोस्ट

तेजप्रताप यादव ने परिवार और पार्टी से निकाले जाने के बाद अब तक तीन पोस्ट किए हैं। इनमें कहीं भी बगावत का संकेत नहीं है, जो यह दर्शाता है कि वे अपने अगले कदम को चुनाव के संदर्भ में सोच-समझकर उठाएंगे। तेजप्रताप ने पहले भी बगावत की है, लेकिन इस बार लालू यादव ने उन्हें पार्टी से निकाला है, जिससे उनके व्यवहार में एक नई सौम्यता देखने को मिल रही है।


अलग चुनाव लड़ने का खतरा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी और लालू यादव नहीं चाहते कि तेजप्रताप पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाएं या किसी अन्य पार्टी में शामिल हों। सूत्रों के अनुसार, परिवार में लालू यादव तेजप्रताप को फिर से पार्टी में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। यदि तेजप्रताप अलग होकर चुनाव लड़ते हैं, तो आरजेडी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि उनकी युवाओं में एक मजबूत फैन फॉलोइंग है।