तेजस्वी यादव का चुनावी बयान: बिहार में बदलाव की लहर
बिहार में बदलाव की आवश्यकता
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद के प्रमुख तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि इस चुनाव में जनता का मूड बदलाव की ओर है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान के चार दिन बाद भी आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। तेजस्वी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा जितनी गलतियां करेगी, चुनाव आयोग उन्हें छिपाने का प्रयास करेगा।
पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने इस चुनाव में 171 सभाएं की हैं। सभी जगहों पर लोगों ने एक ही बात कही है। लोग गरीबी, पलायन और बेरोजगारी से त्रस्त हैं। बिहार के लोग अब बदलाव की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से एनडीए की सरकार है, लेकिन बिहार को सबसे निचले स्तर पर छोड़ दिया गया है। डबल इंजन की सरकार का कोई लाभ नहीं हुआ। पिछले दो दशकों में लाखों लोग शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बिहार छोड़ चुके हैं।
तेजस्वी ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वे चाहतीं, तो बिहार को नंबर एक राज्य बना सकती थीं। बिहार के लोग अब ऐसी सरकार चाहते हैं जो स्वास्थ्य और रोजगार की व्यवस्था करे। लोग अब सब कुछ यहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। वे नौकरी देने वाली सरकार लाने का इरादा रखते हैं। बिहार में अब विकास की नई कहानी लिखी जाएगी। बिहारी को अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा, ऐसा राज्य बनाने का संकल्प है।
तेजस्वी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग चिंतित हैं। केंद्रीय गृहमंत्री लगातार सक्रिय हैं और सीएम हाउस से बड़े अधिकारी बुलाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस बार जनता जागरूक है। अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी बंद किया जा रहा है। भाजपा शासित राज्यों से पुलिस बल और अधिकारियों को बुलाने के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव में नकारात्मक बातें कीं और रोड मैप नहीं बताया। उनके नेताओं के भ्रष्टाचार पर उन्हें ध्यान नहीं है।
