तेजस्वी यादव का नया नारा: माई-बाप समीकरण और जातीय राजनीति

तेजस्वी यादव का माई-बाप समीकरण
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सभी जातियों की पार्टी के रूप में प्रस्तुत करते हुए 'माई-बाप' का नारा पेश किया। दरअसल, लालू प्रसाद यादव की पार्टी को एमवाई समीकरण के तहत मुस्लिम और यादव वोटों का आधार माना जाता है। हालांकि, इस समीकरण के बल पर राजद एक मजबूत पार्टी बनती है, लेकिन यह वोट बैंक अकेले सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए, तेजस्वी के लिए आवश्यक है कि वे अन्य जातियों को भी अपने साथ जोड़ें। इसी उद्देश्य से उन्होंने माई-बाप समीकरण का निर्माण किया, जिसमें 'माई' का अर्थ मुस्लिम और यादव है, जबकि 'बाप' का मतलब बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी और गरीब है।
तेजस्वी ने पहले यह दावा किया था कि उनकी पार्टी ए टू जेड यानी सभी जातियों और धर्मों की पार्टी है। लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने न तो ए टू जेड का उल्लेख किया है और न ही माई-बाप का जुमला दोहराया है। अब वे राजद को सभी जातियों की पार्टी के रूप में नहीं देख रहे हैं। इसके विपरीत, उनकी पार्टी के नेता फिर से अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति में उलझते नजर आ रहे हैं। भाजपा के सम्राट चौधरी उन्हें टारगेट कर रहे हैं, जबकि तेजस्वी की पार्टी के नेता उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा को निशाना बना रहे हैं। इसके अलावा, राजद की एक प्रवक्ता ने एक अगड़े नेता के साथ विवाद खड़ा किया, जिस पर पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से अभद्र भाषा में पोस्ट किया गया था।