तेजस्वी यादव ने SIR 2025 पर उठाए गंभीर सवाल, चुनाव आयोग से की पारदर्शिता की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव में SIR का विवाद
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को लेकर विवाद बढ़ गया है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और भाजपा सरकार पर दबाव बना रहे हैं। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से कई मांगें की हैं। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और इसके पीछे का कारण छिपाया जा रहा है, तो यह एक गंभीर लोकतांत्रिक संकट है और यह जनता के मताधिकार पर सीधा हमला है।
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से अपनी प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें शामिल है कि निर्वाचन आयोग उन सभी मतदाताओं की सूची, जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है, कारण सहित बूथवार उपलब्ध कराए। इसके अलावा, मृतक, स्थानांतरित, दोहराए गए और अनट्रेसेबल मतदाताओं की विधानसभा वार और बूथ वार श्रेणीबद्ध सूची भी सार्वजनिक की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पारदर्शिता नहीं बहाल होती, तब तक ड्राफ्ट मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि बढ़ाई जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने इसके लिए केवल 7 दिन का समय निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर निर्वाचन आयोग से विस्तृत स्पष्टीकरण लेना चाहिए।
चुनाव आयोग से सवालों के अतिरिक्त हमारी प्रमुख माँगें भी है:-
1. निर्वाचन आयोग तत्काल उन सभी मतदाताओं की सूची कारण सहित बूथवार उपलब्ध कराए जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है।
2. मृतक, शिफ्टेड, रिपीटेड और अनट्रेसेबल मतदाताओं की विधानसभा वार, बूथ वार श्रेणीबद्ध सूची…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 2, 2025
तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में हर मतदाता की उपस्थिति और अधिकार की गारंटी सर्वोपरि है। यदि मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और इसके पीछे का कारण छिपाया जा रहा है, तो यह गंभीर लोकतांत्रिक संकट है और यह जनता के मताधिकार पर सीधा हमला है। SIR 2025 एक संविधान विरोधी प्रयोग बनता जा रहा है। यह ना केवल मतदाताओं को हतोत्साहित करता है, बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करता है। राजद इस षड्यंत्र का सक्रिय विरोध करेगा और हर मंच पर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा।