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तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर उठाए सवाल

बिहार की राजनीति में चुनावी हलचल तेज हो गई है। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि कई नामांकन फॉर्म बिना आवश्यक दस्तावेजों के अपलोड किए गए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर जांच की मांग की है और कहा है कि यदि आयोग की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं रहेगी, तो आम मतदाता का विश्वास डगमगा सकता है। विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं भी मिली-जुली रही हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर उठाए सवाल

बिहार में चुनावी हलचल

पटना, 13 जुलाई 2025: बिहार की राजनीतिक स्थिति में चुनावी गतिविधियों को लेकर फिर से हलचल देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

तेजस्वी यादव ने हाल ही में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कई नामांकन फॉर्म बिना आवश्यक दस्तावेजों के अपलोड किए गए हैं। उन्होंने यह भी पूछा, "कितने फॉर्म ऐसे हैं जो बिना जरूरी दस्तावेजों के आयोग की वेबसाइट पर दर्ज किए गए हैं?"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामांकन की जांच में लापरवाही बरती गई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है और जांच की मांग की है।

राजद नेता ने कहा कि यदि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं होगी, तो आम मतदाता का विश्वास भी प्रभावित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी कथित गड़बड़ियों को रोका जा सके।

विपक्षी दलों ने भी इस बयान पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने तेजस्वी की मांग को उचित ठहराया है, जबकि सत्ताधारी गठबंधन ने इसे केवल “राजनीतिक नाटक” करार दिया है। फिलहाल, चुनाव आयोग की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है।