तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से पूछे 12 महत्वपूर्ण सवाल

तेजस्वी यादव के सवाल
तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों से बिहार और 11 वर्षों से केंद्र में नीतीश-मोदी की सरकार के बावजूद, एनडीए सरकार ने बिहार को बेरोजगारी, पलायन और गरीबी का केंद्र बना दिया है। यह बात नीति आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्शाई गई है। तकनीक, उदारीकरण और एआई के युग में भी, बिहार की प्रति व्यक्ति आय विश्व के गरीब देशों युगांडा और रवांडा से भी कम है। बिहार के 8 करोड़ युवा निम्नलिखित 12 सवाल पूछना चाहते हैं:
20 वर्षों से बिहार और 11 वर्षों से केंद्र में नीतीश-मोदी की सरकार रहने के बावजूद एनडीए सरकार ने बिहार को बेरोजगारी, पलायन और गरीबी का मुख्य केंद्र बना दिया है। यह मैं नहीं साल दर साल भारत सरकार की नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है।
— तेजस्वी यादव (@yadavtejashwi) September 8, 2025
टेक्नोलॉजी, उदारीकरण और एआई के दौर के…
"जिंदा को मार डाला, मुर्दों को जिंदा कर दिया"
— मीडिया चैनल (@news24tvchannel) September 8, 2025
◆ बिहार में SIR को लेकर तेजस्वी ने EC को सुनाया #Bihar #SIR | @yadavtejashwi | तेजस्वी यादव pic.twitter.com/zAsIrCNE5T
12 सवालों की सूची
- बिहार में केला, मकई, मखाना, चावल, गन्ना, आलू, लीची, आम जैसे विश्व प्रसिद्ध अनाज और फलों का उत्पादन होता है, फिर भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्यों नहीं लगाए गए?
- बिहार बेरोजगारी का मुख्य केंद्र क्यों है? 20 वर्षों में आईटी कंपनियों को क्यों नहीं बुलाया गया?
- बिहार मछली खरीदता है, फिर भी मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
- डेयरी उत्पादों के बड़े उद्योग क्यों नहीं लगाए जा सकते?
- बिहार में उद्योग-विशिष्ट क्लस्टर क्यों नहीं स्थापित किए गए?
- बुनकर, लघु और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्या किया गया?
- बिहार को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
- भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमित क्यों नहीं किया गया?
- पलायन की दर क्यों बढ़ रही है?
- कितने उद्योग बंद हुए और इससे बिहार को क्या नुकसान हुआ?
- शिक्षा और चिकित्सा के नाम पर कितना धन दूसरे प्रदेशों में गया?
- बिहार के मानव संसाधन का कितना प्रतिशत राज्य में कार्यरत है?
युवाओं का चुनावी जवाब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन ज्वलंत सवालों का सामना करना होगा। यदि वे जवाब नहीं देते हैं, तो युवा इस चुनाव में करारा जवाब देंगे।