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तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर शिक्षा के मुद्दे को लेकर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार पर शिक्षा के मुद्दे को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में 56 पाठ्यक्रम बंद कर दिए गए हैं और युवाओं को नफरत और झूठ पर आधारित शिक्षा दी जा रही है। यादव ने पटना विश्वविद्यालय की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई और नई, प्रगतिशील सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।
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तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर शिक्षा के मुद्दे को लेकर साधा निशाना

बिहार में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव


पटना। राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार की एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में पिछले 20 वर्षों में 56 शैक्षणिक पाठ्यक्रम बंद कर दिए गए हैं। तेजस्वी ने कहा कि युवाओं को रोजगार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के बजाय, सरकार ने नफरत, झूठ, और हिंसा पर आधारित ट्यूशन देने का काम शुरू कर दिया है, जिससे शिक्षा प्रणाली और रोजगार के अवसर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।


तेजस्वी यादव ने एक समाचार पत्र की कटिंग साझा करते हुए बताया कि 20 साल पहले पटना विश्वविद्यालय में 70 वोकेशनल कोर्स उपलब्ध थे, लेकिन नीतीश-मोदी की एनडीए सरकार के कारण इनमें से 56 कोर्स बंद हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार को यह नहीं पता कि ये कोर्स क्यों बंद हुए हैं?


उन्होंने बताया कि नियमित शिक्षकों की कमी, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों की अनुपलब्धता, महंगी फीस, प्लेसमेंट की कमी, और सरकारी अनुदान की कमी जैसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से 108 साल पुरानी पटना विश्वविद्यालय को बर्बाद किया गया है।


तेजस्वी ने आगे कहा कि इस सरकार ने युवाओं को नफरत और झूठ पर आधारित शिक्षा देने का काम किया है, जिससे शिक्षा और रोजगार की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने बिहार के लिए एक नई, प्रगतिशील और युवा सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया, जो नई सोच और दृष्टिकोण के साथ काम करे।