Newzfatafatlogo

तेजस्वी यादव पर दो वोटर ID रखने का आरोप, पुलिस में शिकायत दर्ज

तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD के नेता, पर दो अलग-अलग वोटर ID रखने का आरोप लगा है। इस मामले में वकील राजीव रंजन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई FIR नहीं हुई है। निर्वाचन आयोग ने यादव से उनके EPIC नंबर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि उनके नाम से दो अलग-अलग EPIC नंबर सामने आए हैं। तेजस्वी का दावा है कि उनका वोटर ID बदल दिया गया है, जबकि आयोग ने उनके दावे को खारिज कर दिया है। यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है।
 | 
तेजस्वी यादव पर दो वोटर ID रखने का आरोप, पुलिस में शिकायत दर्ज

तेजस्वी यादव पर वोटर ID विवाद

तेजस्वी यादव वोटर ID: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग वोटर ID कार्ड रखने का आरोप लगा है। इस संबंध में वकील राजीव रंजन ने सोमवार को पटना के दीघा थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने तेजस्वी यादव को एक नोटिस भेजा, जिसमें उनके EPIC नंबर के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया। आयोग ने बताया कि तेजस्वी यादव के नाम से दो अलग-अलग EPIC नंबर पाए गए हैं।


निर्वाचन आयोग की जांच

ECI की जानकारी


निर्वाचन आयोग के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि तेजस्वी यादव का नाम बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी बिल्डिंग स्थित पोलिंग स्टेशन संख्या 124 की मतदाता सूची में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है, और उनका EPIC नंबर RAB0456228 है। हालांकि, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने अपना EPIC नंबर RAB2916120 बताया, जो प्रारंभिक जांच में आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं मिला।


तेजस्वी का बयान और आयोग की प्रतिक्रिया

तेजस्वी का दावा


तेजस्वी यादव ने पहले आरोप लगाया था कि उनका वोटर ID बदल दिया गया है और उनका नाम बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटा दिया गया है। लेकिन ECI ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में भी RAB0456228 नंबर का उल्लेख किया था और उनका नाम अब भी क्रम संख्या 416 पर मौजूद है।


वर्तमान स्थिति

पुलिस की कार्रवाई


वकील राजीव रंजन ने दीघा थाना में शिकायत दी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की है। तेजस्वी यादव से लिखित जवाब मांगा गया है। यह मामला राजनीतिक रंग ले सकता है, और विरोधी दल इस पर हमला कर सकते हैं। यदि जांच में दो वोटर ID के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत गंभीर अपराध माना जाएगा, जिसमें जेल और निर्वाचन अयोग्यता तक की सजा हो सकती है।