तेजस्वी यादव पर दो वोटर आईडी का आरोप: क्या है सच्चाई?

बिहार की राजनीति में नया विवाद
बिहार की राजनीतिक स्थिति में अचानक हलचल मच गई है जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र रखने का आरोप लगा है। यह मामला अब पटना के दीघा थाने तक पहुंच चुका है, जहां एक स्थानीय वकील ने तेजस्वी यादव के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि तेजस्वी ने एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो ईपिक नंबर (EPIC) के तहत वोटर आईडी कार्ड बनवाए हैं, जो कि कानून के खिलाफ है.
चुनाव आयोग की कार्रवाई
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। आयोग ने संदिग्ध मतदाता पहचान पत्र की प्रतिलिपि भी सौंपने का निर्देश दिया। तेजस्वी यादव ने आयोग पर पक्षपात और प्रशासनिक चूक का आरोप लगाया है.
दीघा थाने में शिकायत का विवरण
आरके नगर के निवासी वकील राजीव रंजन ने दीघा थाना प्रभारी को शिकायत में लिखा है कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण चल रहा है। इस दौरान तेजस्वी यादव का नाम दो अलग-अलग ईपिक नंबरों के तहत एक ही विधानसभा क्षेत्र (दीघा) में पाया गया। राजीव रंजन का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से Representation of the People Act, 1950 का उल्लंघन है और इस पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। थानेदार संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत प्राप्त हो गई है और इसकी जांच की जा रही है.
चुनाव आयोग का नोटिस
दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है। आयोग का कहना है कि 2 अगस्त को आयोजित प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने कहा था कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। जांच के बाद पता चला कि उनका नाम बूथ संख्या 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय) में क्रमांक 416 पर दर्ज है, जिसका ईपिक नंबर RAB-0456228 है। तेजस्वी द्वारा प्रेस वार्ता में दिखाया गया ईपिक नंबर RAB-2916120 आयोग के रिकॉर्ड में आधिकारिक रूप से नहीं है.
स्पष्टीकरण की मांग
निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ईपिक नंबर RAB-2916120 आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि तेजस्वी यादव का वास्तविक मतदाता पहचान पत्र केवल RAB-0456228 है। ऐसे में उनसे पूछा गया है कि उन्होंने प्रेस वार्ता में जिस अन्य ईपिक नंबर का उल्लेख किया, उसकी वैधता पर स्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया.
तेजस्वी का पक्षपात का आरोप
चुनाव आयोग के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मतदाता पुनरीक्षण में भारी अनियमितताओं और कुप्रबंधन की ओर ध्यान दिलाया, लेकिन आयोग चुप है। अब, एक असत्यापित पहचान पत्र के आधार पर मुझ पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह सीधे-सीधे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है.
राजनीतिक गर्मी का बढ़ना
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और तेजस्वी यादव पर लगे इस आरोप ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं, जबकि राजद इसे साजिश करार दे रही है। अब देखना यह होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है.