तेलंगाना में आरक्षण विवाद: K. कविता की भूख हड़ताल और कांग्रेस पर आरोप

तेलंगाना में आरक्षण पर सियासी हलचल
तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष K. कविता: तेलंगाना में पिछड़ी जातियों के आरक्षण को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी K. कविता ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए मुस्लिम समुदाय के लिए बीसी कोटे से अलग 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। हैदराबाद के इंदिरा पार्क में 72 घंटे की भूख हड़ताल की शुरुआत करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। कविता का कहना है कि बीसी के लिए प्रस्तावित 42 प्रतिशत आरक्षण में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को शामिल करने से भाजपा को धर्म-आधारित आरक्षण के मुद्दे पर राजनीतिक लाभ मिलता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिमों के लिए आरक्षण एक अलग विधेयक के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुस्लिमों के लिए अलग आरक्षण की मांग
मुस्लिमों को 10% आरक्षण
K. कविता ने कहा, 'कांग्रेस सरकार को स्पष्ट रूप से यह घोषणा करनी चाहिए कि मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने हेतु विधानसभा में एक अलग विधेयक पेश किया जाएगा। यह कोटा पिछड़ी जातियों के लिए प्रस्तावित 42 प्रतिशत से अलग होना चाहिए। इस तरह, पिछड़ी जातियों के आरक्षण के विरोध का स्पष्टीकरण देने की जिम्मेदारी भाजपा पर होगी।' उन्होंने तर्क किया कि मुस्लिम समुदाय को अलग आरक्षण देने से भाजपा की आरक्षण विरोधी राजनीति को चुनौती दी जा सकेगी।
धरने की अनुमति पर विवाद
धरने की अवधि पर आपत्ति
कविता ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें भूख हड़ताल के लिए केवल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक की अनुमति दी गई है, जो उनके 72 घंटे के अनशन के कार्यक्रम से मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा कि उनका संगठन, तेलंगाना जागृति, हाईकोर्ट में विस्तारित अनुमति के लिए याचिका दायर करेगा। हालांकि वह बीआरएस की वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन हाल के समय में उन्होंने खुद को पार्टी से अलग करते हुए सांस्कृतिक संगठन तेलंगाना जागृति के माध्यम से राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया है।
राज्य मंत्री का बयान
राज्य मंत्री का जवाब
तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पूनम प्रभाकर ने कविता के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार के हाथ में है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'सभी संगठनों और दलों को 42 प्रतिशत बीसी कोटे के लिए एक साथ आना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे तेलंगाना राज्य आंदोलन के दौरान हुआ था।' साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि कविता को यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली में करना चाहिए।
कांग्रेस सरकार की तैयारी
राष्ट्रपति से मुलाकात की तैयारी
इस बीच, कांग्रेस सरकार 42 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को लेकर गंभीर दिख रही है। मार्च में विधानसभा से पारित यह विधेयक अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतज़ार कर रहा है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे और अगले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपेंगे।