तेलंगाना में यूरिया की कमी पर केटी रामाराव का कड़ा बयान

उपराष्ट्रपति चुनाव में बीआरएस की अनुपस्थिति
उपराष्ट्रपति चुनाव: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने तेलंगाना में यूरिया की कमी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेगी। रामाराव ने किसानों की समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि यूरिया की कमी ने राज्य के किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है।
किसानों की कठिनाइयाँ
रामाराव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यूरिया की भारी कमी के कारण किसानों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। इस स्थिति ने न केवल किसानों की मेहनत को प्रभावित किया है, बल्कि कई स्थानों पर झड़पें भी देखने को मिली हैं। उन्होंने कहा, "यूरिया की कमी इतनी गंभीर है कि किसान आपस में उलझ रहे हैं। यह स्थिति सरकार की विफलता को दर्शाती है।"
कांग्रेस और भाजपा पर आरोप
कांग्रेस और भाजपा पर निशाना
रामाराव ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इस संकट को सुलझाने में असफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां किसानों के हितों की अनदेखी कर रही हैं। बीआरएस नेता ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी और किसानों के अधिकारों के लिए लगातार आवाज उठाएगी।
बीआरएस का समर्थन
किसानों के लिए बीआरएस का समर्थन
बीआरएस ने हमेशा से किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता दी है। रामाराव ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की ताकि किसानों को राहत मिल सके।
बीआरएस का चुनावी निर्णय
उपराष्ट्रपति चुनाव में बीआरएस की अनुपस्थिति
उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने के निर्णय पर रामाराव ने स्पष्ट किया, "हम मतदान से दूर रहेंगे। हम इसमें भाग नहीं लेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव में 'नोटा' (None of the Above) का विकल्प उपलब्ध होता, तो बीआरएस इसका उपयोग कर सकती थी।