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तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता हरीश राव ने भाजपा के साथ गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

तेलंगाना राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेता हरीश राव ने अपनी पार्टी की एमएलसी के. कविता द्वारा भाजपा के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे निराधार बताते हुए कहा कि बीआरएस का गठन भाजपा की नीतियों के विरोध में हुआ था। राव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि बीआरएस अपने मूल सिद्धांतों पर अडिग है और भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ हमेशा लड़ती रहेगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता हरीश राव ने भाजपा के साथ गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

हरीश राव की स्पष्ट प्रतिक्रिया

तेलंगाना राष्ट्र समिति (BRS) के प्रमुख नेता और पूर्व मंत्री हरीश राव ने अपनी पार्टी की एमएलसी के. कविता द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ संभावित गठबंधन के संबंध में दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हरीश राव ने इस विचार को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे 'निराधार' करार दिया है।
के. कविता ने हाल ही में कुछ ऐसे बयान दिए थे, जिनसे बीआरएस और भाजपा के बीच किसी संभावित तालमेल की चर्चा शुरू हो गई थी। हालांकि, हरीश राव ने इन अटकलों को समाप्त करने का प्रयास किया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बीआरएस का गठन भाजपा की नीतियों और विचारधारा के विरोध में हुआ था। हरीश राव ने कहा कि बीआरएस और भाजपा राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं और उनके बीच किसी भी प्रकार के गठबंधन की कल्पना करना भी गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि बीआरएस हमेशा भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।
हरीश राव की यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत देती है कि पार्टी के भीतर भाजपा के साथ किसी भी संभावित संबंध को लेकर मतभेद हैं, खासकर जब बीआरएस राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता को आश्वस्त किया कि बीआरएस अपने मूल सिद्धांतों और भाजपा विरोधी रुख पर अडिग है।