थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: ऐतिहासिक मंदिर के लिए संघर्ष में 16 की मौत

सीमा विवाद में नया मोड़
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच का पुराना सीमा विवाद एक बार फिर से हिंसक हो गया है। हालिया सैन्य झड़पों में कम से कम 16 लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। इस संघर्ष का मुख्य कारण एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो सदियों से दोनों देशों के बीच विवाद का केंद्र बना हुआ है.
प्रेह विहेयर मंदिर का विवाद
यह सीमा विवाद 11वीं सदी में बने प्रेह विहेयर मंदिर के इर्द-गिर्द घूमता है, जो कंबोडिया के पठारी क्षेत्र में स्थित है। थाईलैंड भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है। जब कंबोडिया ने 2008 में इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिलाने का प्रयास किया, तब थाईलैंड ने इसका विरोध किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.
गोलीबारी की घटनाएं
गुरुवार की सुबह से थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाओं के बीच सीमा पर तीव्र गोलीबारी हो रही है। थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि उसने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इस संघर्ष में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है और कई नागरिक व सैनिक घायल हुए हैं.
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
यूनेस्को के अनुसार, प्रेह विहेयर मंदिर शिव की भक्ति का प्रतीक है। इसका निर्माण 11वीं सदी में हुआ था, लेकिन इसकी जड़ें 9वीं सदी के एक तपस्वी आश्रम से जुड़ी हैं। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है.
1962 का अंतरराष्ट्रीय फैसला
कंबोडिया ने 1962 में इस मंदिर के संबंध में थाईलैंड के कब्जे को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने फैसला सुनाया कि मंदिर कंबोडिया की सीमा में आता है और थाईलैंड को वहां से अपनी सैन्य टुकड़ियां हटानी होंगी.
वर्तमान तनाव के कारण
हाल के दिनों में सीमा पर लैंडमाइन विस्फोट, ड्रोन निगरानी और नागरिक क्षेत्रों पर हमलों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया ने पहले गोलीबारी की, जबकि कंबोडिया ने थाईलैंड पर क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है.
युद्ध जैसे हालात
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कहा कि संघर्ष अब भारी हथियारों तक पहुंच चुका है और यह सीमा के 12 क्षेत्रों में फैल चुका है। हजारों नागरिकों को विस्थापित किया गया है और सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी गई है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने कहा, "हम सीमा पर बढ़ती हिंसा से चिंतित हैं और नागरिकों को हो रहे नुकसान को लेकर दुखी हैं." चीन ने भी इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और बातचीत के माध्यम से समाधान की उम्मीद जताई है.