दक्षिण अफ्रीका ने अमेरिका के व्यापार दबाव का सामना किया

दक्षिण अफ्रीका का कड़ा संदेश
अमेरिका अन्य देशों पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए टैरिफ का उपयोग कर रहा है, लेकिन यह रणनीति अब कमजोर होती नजर आ रही है। भारत ने पहले इस दबाव का मजबूती से सामना किया और अपने हितों की रक्षा की। अब दक्षिण अफ्रीका ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। राष्ट्रपति रामाफोसा ने अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में एक स्पष्ट और कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका को धमकाया नहीं जा सकता।
रामाफोसा ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि वे अमेरिका को अधिक से अधिक निर्यात करें, साथ ही उनकी कंपनियों को अमेरिका में निवेश करने का अवसर मिले। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियां भी दक्षिण अफ्रीका में निवेश करें।
उन्होंने बातचीत में अपनी ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि यह ताकत उनके देश में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों और विशेष खनिजों से आती है, जिनकी अमेरिका को आवश्यकता है। दक्षिण अफ्रीका के पास इन खनिजों को प्रोसेस करने की क्षमता भी है। इसके साथ ही, उनके पास ऊर्जा की अच्छी सुविधाएं हैं, जो कई देशों के पास नहीं हैं।
रामाफोसा ने स्पष्ट किया कि उनकी बातचीत की रणनीति सम्मान के साथ है। वे अमेरिका से डरते नहीं हैं और न ही कभी घुटनों पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें धमकाया नहीं जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका एक स्वतंत्र देश है और अपनी शर्तों पर बातचीत करेगा, ताकि उनके लिए सबसे अच्छा समझौता हो सके। रामाफोसा का यह बयान ट्रंप के लिए एक बड़ा झटका है। ट्रंप लगातार दूसरे देशों पर टैरिफ के जरिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह नीति कहीं भी सफल नहीं हो रही है।