दिग्विजय सिंह के बयान पर कांग्रेस में मचा हंगामा
सोशल मीडिया पर बयान का असर
आज के डिजिटल युग में, किसी नेता के बयान के तुरंत बाद उनके पुराने बयानों को खोजना बेहद आसान हो गया है। हाल ही में, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भाजपा संगठन की सराहना की और कांग्रेस की कुछ कमियों को उजागर किया, जिससे पार्टी के कई नेता चिंतित हो गए हैं। वे यह बताने में जुट गए हैं कि दिग्विजय सिंह के कारण कांग्रेस को कितनी बार नुकसान उठाना पड़ा है।
दिग्विजय सिंह की स्पष्ट विचारधारा और बेबाकी से अपनी बात रखने की आदत सभी को पता है। हालांकि, कई बार उनका ऐसा बोलना कांग्रेस के लिए हानिकारक साबित हुआ है। इस बार भी, भले ही उनकी मंशा सकारात्मक हो, लेकिन इससे कांग्रेस को नुकसान होगा क्योंकि यह भाजपा के प्रचारित नैरेटिव को मजबूती प्रदान करता है।
कांग्रेस के भीतर की हलचल
सोशल मीडिया पर उनके पुराने बयानों को साझा किया जा रहा है, और यह कार्य मुख्यतः कांग्रेस के नेताओं द्वारा किया जा रहा है। भाजपा के नेता इस मामले में चुप हैं, क्योंकि दिग्विजय सिंह का हालिया बयान उनके पक्ष में है। कांग्रेस के प्रभावशाली लोग बता रहे हैं कि कैसे दिग्विजय सिंह ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमले को आरएसएस की साजिश बताया था और एसटीएफ प्रमुख हेमंत करकरे की मौत को भी साजिश का परिणाम बताया था।
यह ध्यान देने योग्य है कि करकरे उस समय मालेगांव विस्फोट की जांच कर रहे थे, जिसमें हिंदू संदिग्ध शामिल थे। इसी तरह, दिल्ली के बाटला हाउस इनकाउंटर को फर्ज बताने वाले उनके बयानों का भी उल्लेख किया जा रहा है। भाजपा के नेता पहले इन बयानों का उपयोग कर चुके हैं। जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी, तब दिग्विजय सिंह ने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को निशाना बनाया था। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर चिदंबरम को बौद्धिक रूप से अहंकारी कहा और नक्सलवाद से निपटने की उनकी रणनीति की आलोचना की थी। अब वही रणनीति भाजपा की सरकार द्वारा नक्सलवाद से निपटने के लिए अपनाई जा रही है।
