दिग्विजय सिंह ने आरएसएस और मोदी का विरोध किया, विवाद पर दी सफाई
दिग्विजय सिंह का विवादास्पद बयान
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट को लेकर उठे विवाद पर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने खुद को आरएसएस और केंद्र सरकार का कट्टर विरोधी बताया। दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने केवल संगठन की प्रशंसा की थी। दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि वह आरएसएस और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हैं और रहेंगे।
दिल्ली: कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं संगठन का पक्षधर करता हूं, लेकिन मैं RSS और PM मोदी का विरोधी हूं। आपको गलतफहमी हुई है। मैंने संगठन की तारीफ की है, लेकिन मैं RSS और PM मोदी और उनकी नीतियों का कड़ा विरोधी था, हूं और रहूंगा।" pic.twitter.com/r1NJUADy0Y
— News Media (@IANSKhabar) December 27, 2025
उन्होंने यह भी कहा कि क्या संगठन को मजबूत करना या उसकी प्रशंसा करना गलत है? क्या चुनाव सुधार की बात करना गुनाह है? दिग्विजय सिंह ने शनिवार को उस समय विवाद खड़ा किया जब उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई थी। इससे पहले, उन्होंने पार्टी में सुधारों की मांग करते हुए राहुल गांधी को एक पत्र लिखा था।
शनिवार को, दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की। इस तस्वीर के साथ उन्होंने भाजपा और आरएसएस की प्रशंसा की।
उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "क्वोरा साइट पर मुझे यह चित्र मिला। बहुत ही प्रभावशाली है। किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ, भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की शक्ति है।" इस पोस्ट को प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा के रूप में भी देखा गया। विवाद बढ़ने पर दिग्विजय ने सफाई दी।
कांग्रेस नेताओं की चुप्पी
हालांकि, दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे हरीश रावत, भंवर जितेंद्र सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। वहीं, कुमारी शैलजा ने कहा, "किसी ने किसी की तारीफ नहीं की है।"
