दिल्ली में 27 राजनीतिक दलों का अस्तित्व संकट: क्या होगा इनकी पंजीकरण का?

दिल्ली में राजनीतिक दलों की स्थिति
दिल्ली में पंजीकृत, लेकिन मान्यता प्राप्त नहीं होने वाले 27 राजनीतिक दलों के लिए संकट गहरा गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने 3 जुलाई को इन दलों को नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि वे निर्धारित समय में जवाब नहीं देते हैं, तो उनका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.
राजनीतिक सक्रियता पर उठे सवाल
चुनाव आयोग के अनुसार, इन दलों ने पिछले छह वर्षों में लोकसभा, विधानसभा या उपचुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस स्थिति में इनकी राजनीतिक सक्रियता और पंजीकरण की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं। आयोग अब इन दलों की निष्क्रियता को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है.
15 दिनों का अल्टीमेटम
सीईओ कार्यालय द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि इन दलों को 15 दिनों का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने चुनावों में भाग क्यों नहीं लिया। आयोग का कहना है कि यह कदम राजनीतिक प्रणाली की पारदर्शिता और गंभीरता बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है.
यदि तय समय में कोई जवाब नहीं मिलता है, तो इसे इस बात का संकेत माना जाएगा कि दलों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। ऐसी स्थिति में आयोग एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनका पंजीकरण रद्द कर सकता है.
इन 27 दलों में अखिल भारतीय समाजवादी कांग्रेस, जन आंदोलन मोर्चा, भारतीय रोजगार पार्टी, वन इंडिया पार्टी और राष्ट्रीय जन कल्याण पार्टी जैसे संगठन शामिल हैं। इनमें से कई संगठन लंबे समय से निष्क्रिय हैं और केवल कागजी अस्तित्व बनाए हुए हैं.