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दिल्ली में केरल के लोगों पर अत्याचार का आरोप, सीपीएम ने उठाई आवाज

दिल्ली में केरल के नागरिकों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दो लोगों को बंधक बनाकर प्रताड़ित किया और उन्हें हिंदी बोलने के लिए मजबूर किया। यह मामला अगले साल के विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सीपीएम की प्रतिक्रिया।
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दिल्ली में केरल के लोगों पर अत्याचार का आरोप, सीपीएम ने उठाई आवाज

दिल्ली में केरल के नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई

पश्चिम बंगाल के बाद अब केरल के निवासियों पर दिल्ली में अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। यह आरोप सीपीएम के सांसद जॉन ब्रिटास ने लगाया है, जिन्होंने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


ब्रिटास ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा को एक पत्र भेजकर शिकायत की है। उनके अनुसार, दिल्ली पुलिस ने दो केरल के नागरिकों को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़ित किया।


उनकी शिकायत में कहा गया है कि पुलिस ने इन लोगों को बंधक बना लिया और उन पर अत्याचार किया। ब्रिटास का कहना है कि इन व्यक्तियों को हिंदी बोलने के लिए मजबूर किया गया और उनकी पारंपरिक वेशभूषा, लुंगी, के कारण उन्हें निशाना बनाया गया।


हालांकि यह एक संयोग हो सकता है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और सीपीएम इस घटना को भाषा, संस्कृति और पहचान के मुद्दे के रूप में पेश कर सकती है। इस घटना के संदर्भ में, सीपीएम के नेता भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह मलयाली भाषा और केरल की संस्कृति के खिलाफ है।