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दिल्ली में निषाद पार्टी का अधिवेशन: भाजपा पर सीटों के बंटवारे का दबाव बढ़ा

दिल्ली में निषाद पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भाजपा पर सीटों के बंटवारे का दबाव बढ़ाने का संकेत है। सुभासपा और अपना दल (एस) के नेताओं ने एकजुटता दिखाई है, जिससे आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों में उनकी भागीदारी बढ़ाने की मंशा स्पष्ट होती है। जानें इस अधिवेशन के राजनीतिक मायने और बिहार विधानसभा चुनाव पर इन दलों की नजर।
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दिल्ली में निषाद पार्टी का अधिवेशन: भाजपा पर सीटों के बंटवारे का दबाव बढ़ा

UP Elections 2027: निषाद पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन


UP Elections 2027 : दिल्ली में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाले राजग के सहयोगी दलों ने एकजुटता दिखाई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में भाजपा पर सीटों के बंटवारे का दबाव बढ़ेगा। सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर और अपना दल (एस) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आशीष पटेल के तेवर यह दर्शाते हैं कि इनकी असली मंशा अखिलेश यादव के पीडीए को तोड़ने से ज्यादा अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी भागीदारी बढ़ाना है।


जाति आधारित राजनीति करने वाले नेताओं ने पिछड़ों के हक का मुद्दा पहले भी उठाया है। चुनावी तैयारियों के दौरान जातीय दलों के नेता इस तरह के मुद्दों को उठाकर अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करते हैं। इससे उन्हें हर सरकार में प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। हालांकि, एनडीए में शामिल होने के कारण अपना दल (एस), सुभासपा और निषाद पार्टी के नेता पिछड़ों की उपेक्षा के लिए विपक्ष को कोस रहे हैं, लेकिन असली निशाना बिहार विधानसभा चुनाव और यूपी में होने वाले आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों में सीटों की हिस्सेदारी है।


दिल्ली अधिवेशन के राजनीतिक मायने


तीनों दलों के नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए आरक्षण विरोधियों को सबक सिखाने की चेतावनी दी है। यह कोई संयोग नहीं है। यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले नवंबर में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी इन दलों की नजर है। हालांकि, अपना दल (एस) ने अब तक बिहार में चुनाव लड़ने का कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने बिहार चुनाव में सीटों की मांग उठाई है। अधिवेशन में बिहार में निषाद पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी एकजुटता का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों में सीटों के बंटवारे की तैयारी है। माना जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को यह संदेश देने के लिए ही अधिवेशन दिल्ली में आयोजित किया गया।