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दिल्ली विधानसभा का नया सत्र: CAG रिपोर्ट और प्रदूषण पर होगी चर्चा

दिल्ली विधानसभा का नया सत्र 5 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'शीश महल' पर CAG रिपोर्ट सहित प्रदूषण के मुद्दे पर महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। मंत्री कपिल मिश्रा ने सत्र की रूपरेखा साझा की है, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया गया है। इस सत्र में पिछले 20 वर्षों की सरकारों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी, जिससे सदन में गरमागरम बहस की संभावना है।
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दिल्ली विधानसभा का नया सत्र: CAG रिपोर्ट और प्रदूषण पर होगी चर्चा

दिल्ली विधानसभा में राजनीतिक हलचल


नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का नया सत्र राजनीतिक विवादों के साथ शुरू होने जा रहा है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार 5 जनवरी से प्रारंभ होने वाले इस सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादास्पद 'शीश महल' सहित तीन CAG रिपोर्ट पेश करेगी। इसके साथ ही, प्रदूषण के मुद्दे पर भी एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें पिछले 20 वर्षों में विभिन्न सरकारों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इन मुद्दों पर सदन में गरमागरम बहस की संभावना है।


सत्र की रूपरेखा

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सत्र की रूपरेखा साझा की। यह सत्र चार दिनों तक चलेगा और इसमें 2-3 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। सरकार का ध्यान पारदर्शिता और जवाबदेही पर है। मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों द्वारा छिपाई गई रिपोर्टों को अब सार्वजनिक किया जाएगा।


प्रदूषण पर चर्चा

सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष प्रस्ताव लाएगी। इसमें दिल्ली की वर्तमान प्रदूषण स्थिति, इसके कारण, सुप्रीम कोर्ट में दी गई पूर्व सरकारों की रिपोर्टें और वैज्ञानिक सुझावों पर चर्चा की जाएगी। कपिल मिश्रा ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में सभी सरकारों के कार्यों का पूरा हिसाब रखा जाएगा।


उन्होंने विपक्ष से भी अनुरोध किया कि वे अपने कार्यकाल का ब्योरा प्रस्तुत करें ताकि खुलकर विचार-विमर्श किया जा सके और भविष्य के लिए बेहतर उपाय निकाले जा सकें।


CAG रिपोर्टों का महत्व

सत्र का सबसे बड़ा मुद्दा तीन CAG रिपोर्टें होंगी। पहली रिपोर्ट पूर्व मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के कथित शानदार नवीनीकरण 'शीश महल' पर है। दूसरी रिपोर्ट 2022 तक दिल्ली जल बोर्ड की कार्यप्रणाली और अनियमितताओं पर केंद्रित है।


तीसरी रिपोर्ट उच्च शिक्षा क्षेत्र में 2023 तक हुए कथित भ्रष्टाचार को उजागर करती है। कपिल मिश्रा ने कहा कि ये रिपोर्टें पूर्व सरकार के समय तैयार की गई थीं, लेकिन इन्हें सदन में पेश नहीं किया गया। अब नई सरकार इन्हें पेश कर पूरी पारदर्शिता दिखाएगी।