दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर बहस: आप और भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक

दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर गरमागरम बहस
दिल्ली विधानसभा में हाल ही में पेश की गई सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने आ गईं। भाजपा ने इस रिपोर्ट का उपयोग करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरने का प्रयास किया। वहीं, आप नेता आतिशी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के राजस्व घाटे का असली कारण केंद्र की भेदभावपूर्ण नीति है। उन्होंने सदन में दिल्ली को मिलने वाले टैक्स शेयर के बारे में तीखे आंकड़े प्रस्तुत किए, जिसे सुनकर भाजपा विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि स्पीकर को उनका माइक बंद करना पड़ा।
दिल्ली सरकार का टैक्स रेवेन्यू बढ़ा है
पिछले वर्षों में लगातार बढ़ा दिल्ली सरकार का टैक्स रेवेन्यू
आतिशी ने सदन में कहा कि पिछले कई वर्षों में दिल्ली सरकार का टैक्स रेवेन्यू लगातार बढ़ा है। 2019-20 से 2023-24 तक के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि दिल्ली की आय में वृद्धि हुई है। इसके बावजूद दिल्ली के बजट में कमी क्यों आई? इसका उत्तर केंद्र सरकार से मिलने वाले हिस्से की कमी में छिपा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली हर साल केंद्र को लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में देती है, लेकिन बदले में केवल 850 करोड़ रुपये मिलते हैं, जो पिछले तीन वर्षों से बंद है।
आतिशी ने सीएजी रिपोर्ट की व्याख्या की
आतिशी ने सीएजी रिपोर्ट की व्याख्या की
सदन के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए आतिशी ने सीएजी रिपोर्ट की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि दिल्ली का टैक्स रेवेन्यू हर साल बढ़ रहा है, फिर भी घाटा क्यों? इसका कारण यही है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को उसका वैधानिक हिस्सा नहीं दिया। रिपोर्ट में 2022-23 में कुल राजस्व प्राप्ति 62,703 करोड़ बताई गई थी, जो 2023-24 में घटकर 56,798 करोड़ रह गई। पहली नजर में यह गिरावट चिंता का विषय लगती है, लेकिन जब हम टैक्स रेवेन्यू के कॉलम को देखते हैं तो सच्चाई कुछ और ही सामने आती है।
आतिशी का भाजपा पर आरोप
आतिशी का भाजपा पर आरोप
विधानसभा में जब आतिशी ने ये आंकड़े प्रस्तुत किए, तो भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि उनकी सच्चाई सामने आए। जैसे ही उन्होंने केंद्र की कर नीति पर सवाल उठाए, स्पीकर ने उनका माइक बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक सदन में राजनीतिक बयानबाजी कर सकते हैं, लेकिन जब विपक्ष सच्चाई बोलता है, तो उसका माइक बंद कर दिया जाता है।
दिल्ली की अर्थव्यवस्था में मजबूती
दिल्ली की अर्थव्यवस्था में पिछले वर्षों में मजबूती आई
आखिर में, उन्होंने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में पिछले वर्षों में मजबूती आई है और टैक्स वसूली में भी निरंतर वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि दिल्ली सरकार बेहतर काम कर रही है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार दिल्ली को उसका हक दे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि आगामी बजट में दिल्ली को 50 हजार करोड़ शेयर टैक्स दिलाया जाए, ताकि राजधानी में विकास की गति और तेज की जा सके।