दिल्ली सरकार व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का व्यापारियों के प्रति समर्थन
नई दिल्ली - मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि उनकी सरकार दिल्ली के व्यापारियों के लाभ के लिए कई नई योजनाओं पर कार्य कर रही है। दिल्ली सरकार व्यापारियों के लिए एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में लगी हुई है, जिससे वे राजधानी में आसानी से व्यापार कर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि व्यापारियों की समस्याओं को हल करने और उन्हें सुरक्षित व्यापार करने के लिए ‘दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड’ का गठन किया गया है।
दिल्ली सचिवालय में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भारतीय उद्योग मंडल के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान, उन्होंने बताया कि उनकी सरकार दिल्ली के व्यापारिक स्वरूप को बनाए रखते हुए उचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली के बाजारों को कहीं और स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है। उनका उद्देश्य है कि दिल्ली का व्यापार बढ़े, जिससे राजधानी का राजस्व भी बढ़ेगा और विकास में योगदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पुरानी दिल्ली के बाजारों के विकास के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। उनका लक्ष्य है कि पुरानी दिल्ली में दुकानें, छोटे गोदाम और कार्यालय यहीं पर रहें, जबकि सामान के भंडारण के लिए बाहरी क्षेत्रों में बड़े गोदाम बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने व्यापारियों का शोषण किया और बाजारों के स्वरूप को बिगाड़ने की कोशिश की। अब, उनकी सरकार ने व्यापारियों के लिए ‘दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड’ का गठन किया है, जिसमें व्यापारियों को शामिल किया गया है ताकि उनकी समस्याओं का सही समाधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बोर्ड में 15 सदस्य हैं, जिनमें से 9 व्यापारी वर्ग से हैं। इसका उद्देश्य व्यापारियों को सशक्त बनाना, उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उनके व्यापार को सुविधाजनक बनाना है। यह बोर्ड सरकार और व्यापारियों के बीच एक पुल का कार्य करेगा, व्यापार से जुड़े मुद्दों को सरल बनाएगा, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देगा, और उनके आर्थिक हितों के लिए कल्याण कोष का संचालन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली के व्यापारी अकेले नहीं हैं। उनकी सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है। यह बोर्ड केवल नीतिगत योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आपात स्थितियों में व्यापारियों को राहत और मुआवज़े पर भी विचार करेगा। इसके माध्यम से सरकार को व्यापारिक क्षेत्र के अनुभवी लोगों की सलाह और सहयोग समय पर प्राप्त होगा, जिससे नीतियों को अधिक व्यावहारिक और लाभकारी रूप में लागू किया जा सकेगा।