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दिवाली 2025: पीएम मोदी की सीमाओं पर सैनिकों के साथ मनाने की परंपरा जारी

दिवाली 2025 के नजदीक आते ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीमाओं पर दिवाली मनाने की परंपरा चर्चा का विषय बन गई है। पिछले 11 वर्षों से, मोदी हर साल विभिन्न सीमाओं पर जाकर सैनिकों के साथ इस पर्व को मनाते हैं। इस बार भी उनकी लोकेशन को अंतिम समय तक गोपनीय रखा जाएगा। जानें पिछले वर्षों में उन्होंने कहां-कहां दिवाली मनाई और इस बार की योजना क्या है।
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दिवाली 2025: पीएम मोदी की सीमाओं पर सैनिकों के साथ मनाने की परंपरा जारी

दिवाली 2025 का उत्सव


दिवाली 2025: जैसे-जैसे दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है, देशवासियों की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवाली मनाने की जगह पर टिकी हुई हैं। हर साल की तरह, इस बार भी मोदी सीमाओं पर तैनात सैनिकों के साथ इस पर्व को मनाने की योजना बना रहे हैं। पिछले 11 वर्षों से, वे लगातार विभिन्न सीमाओं पर जाकर सैनिकों के साथ दिवाली का जश्न मना रहे हैं।


सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री का जुड़ाव

प्रधानमंत्री बनने से पहले और 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से, नरेंद्र मोदी ने दिवाली जैसे पारिवारिक पर्व को हमेशा सैनिकों के साथ मनाया है। यह परंपरा न केवल सैनिकों के मनोबल को बढ़ाती है, बल्कि नागरिकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। वे हर साल सियाचिन, कारगिल, नौशेरा, गुरेज, कच्छ से लेकर लाहौल-स्फीति तक किसी नई सीमा पर जाकर दिवाली मनाते हैं।


दिवाली 2025: पीएम की लोकेशन

इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री की लोकेशन को अंतिम समय तक गोपनीय रखा जाएगा। यह न केवल सुरक्षा कारणों से है, बल्कि यह एक प्रतीकात्मक संदेश भी है कि प्रधानमंत्री देश की हर सीमा को समान महत्व देते हैं।


पिछले वर्षों में दिवाली का जश्न

2024 – कच्छ, गुजरात: बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के साथ कच्छ के सर क्रीक क्षेत्र में दिवाली मनाई गई थी.


2023 – लेपचा, हिमाचल प्रदेश: 31 अक्टूबर को पीएम मोदी ने लेपचा में जवानों के साथ दीप जलाया और मिठाइयां बांटीं.


2022 – कारगिल: कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए, मोदी ने बर्फीली चोटियों पर दिवाली मनाई.


2021 – नौशेरा, जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के नजदीक पीएम ने जवानों को मिठाई खिलाई और उन्हें 'राष्ट्र की ढाल' बताया.


2020 – जैसलमेर, राजस्थान: लोंगेवाला पोस्ट पर जाकर सेना के साथ दिवाली मनाई.


2019 – राजौरी: एलओसी पर तैनात सैनिकों के बीच त्योहार मनाकर उन्हें प्रोत्साहित किया.


2018 – हर्षिल, उत्तराखंड: चीन सीमा पर आईटीबीपी जवानों के साथ दीपावली मनाई.


2017 – गुरेज सेक्टर, जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए, सरहद पर दिवाली मनाई.


2016 – लाहौल-स्फीति: आईटीबीपी के जवानों के बीच पीएम ने कहा, “देश हर चुनौती के लिए तैयार है.”


2015 – अमृतसर, पंजाब: पाकिस्तान सीमा पर तैनात जवानों के साथ दिवाली का पर्व मनाया.


2014 – सियाचिन ग्लेशियर: पीएम बनने के बाद पहली बार सियाचिन पहुंचे और -30 डिग्री तापमान में जवानों के साथ दिवाली मनाई.


पीएम मोदी की दिवाली यात्रा का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी की यह दिवाली यात्रा केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे जवानों के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है। जब आम परिवार दीप जलाकर घर में रोशनी फैलाते हैं, तब प्रधानमंत्री सरहद पर रोशनी की लौ जलाकर राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रज्वलित करते हैं.