दिव्यांगजनों के कौशल विकास योजना में आधार संख्या अनिवार्य, लेकिन लाभ से नहीं होगा वंचित
केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना के लाभार्थियों के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि आधार की अनुपस्थिति में पात्र बच्चों को लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। यह योजना दिव्यांगजनों को उच्च-गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। जानें इस योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
Jul 9, 2025, 16:58 IST
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केंद्र सरकार की नई पहल
केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के लाभार्थियों के लिए आधार संख्या प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी पात्र बच्चे के पास आधार नहीं है या प्रमाणीकरण में कोई समस्या आती है, तो उसे योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने एक राजपत्र अधिसूचना में बताया कि नकद लाभ प्राप्त करने के लिए आधार प्रमाणीकरण आवश्यक है, जिसमें परिवहन भत्ता, भोजन, आवास, और नियुक्ति के बाद सहायता शामिल हैं।
राष्ट्रीय कार्य योजना का उद्देश्य
दिव्यांगजनों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) को मार्च 2015 में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को उच्च-गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे सार्थक रोजगार प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना व्यापक दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन का एक हिस्सा है।
आधार संख्या की अनुपस्थिति में विकल्प
अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि यदि किसी पात्र व्यक्ति के पास आधार संख्या नहीं है, तो उसे नामांकन के लिए आवेदन करना होगा। बच्चों के मामले में, यह आवेदन माता-पिता या कानूनी अभिभावक की सहमति से किया जाना चाहिए। जब तक आधार कार्ड नहीं बनता, लाभार्थी जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या कानूनी गोद लेने के दस्तावेजों का उपयोग करके अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं।