दीघा विधानसभा चुनाव 2025: दिव्या गौतम का राजनीतिक सफर

दीघा विधानसभा चुनाव 2025 में दिव्या गौतम की एंट्री
दीघा विधानसभा चुनाव 2025: पटना की दीघा सीट इस बार विशेष रूप से चर्चा में है। इसका कारण दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कजिन, दिव्या गौतम का चुनावी मैदान में उतरना है, जो CPI(ML)-लिबरेशन के टिकट पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
34 वर्षीय दिव्या की इस एंट्री ने न केवल इस सीट को राजनीतिक रूप से दिलचस्प बना दिया है, बल्कि सुशांत के परिवार से जुड़ी भावनाओं और सामाजिक मुद्दों पर भी नई बहस छेड़ दी है।
दिव्या का शिक्षा और राजनीति का सफर
दिव्या गौतम का राजनीतिक सफर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। उन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और पटना विमेंस कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। 2012 में, उन्होंने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के टिकट पर पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन का चुनाव लड़ा, जिसमें वे थोड़े अंतर से हार गईं। इस चुनाव ने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, "उस चुनाव ने मुझे बदल दिया, मैंने समझा कि धन और शक्ति कैसे जनमत को प्रभावित करते हैं।"
सरकारी नौकरी का त्याग
दिव्या ने 2021 में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की और सप्लाई इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया। उनका मानना है कि वे सामाजिक सक्रियता और जनता के साथ काम करके बदलाव लाना चाहती हैं। अब वे CPI(ML) के मंच से महिला सशक्तिकरण, शिक्षा सुधार और युवा भागीदारी जैसे मुद्दों पर चुनावी मैदान में हैं।
सुशांत से विचारों में भिन्नता
दिव्या का मानना है कि उनके विचारधारात्मक मतभेद सुशांत से थे, लेकिन "हम दोनों एक ही सांस्कृतिक धागे से जुड़े हुए थे।" वे कहती हैं कि सुशांत की तरह, वे भी मेहनत, ईमानदारी और संवेदनशीलता में विश्वास रखती हैं। सुशांत के निधन के बाद, दिव्या ने न्याय की मांग के लिए सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठाई थी, और अब वही संवेदनशीलता उन्हें राजनीति में आगे बढ़ा रही है।
दीघा सीट पर चुनावी मुकाबला
दीघा सीट 2015 से बीजेपी के नियंत्रण में है, जहां वर्तमान विधायक संजीव चौरसिया हैं। CPI(ML) का इस सीट पर उतरना विपक्षी महागठबंधन की रणनीति को नया मोड़ दे रहा है। हालांकि सीट शेयरिंग पर RJD और कांग्रेस के साथ औपचारिक समझौता अभी बाकी है, लेकिन दिव्या के चुनावी मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है। दिव्या ने कहा, "पार्टी ने कहा नामांकन करो, मैंने किया। सीट शेयरिंग मेरे नेताओं का विषय है।"